मध्यप्रदेश

कमिश्नरेट सिस्टम समझने पुलिस अफसरों की ट्रेनिंग शुरू: देउस्कर बोले- प्रशासन की मदद लेकर माफियाओं के खिलाफ करें कड़ी कार्रवाई

भोपाल। कमिश्नरेट सिस्टम (commissionerate system) समझने के लिए भोपाल में पुलिस अफसरों (police officers) की रविवार को ट्रेनिंग शुरू हुई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर (Police Commissioner Makrand Deuskar), जेसीपी इरशाद वली (JCP Irshad Wali), DCP, ADCP और ACP, जोन-1 के सभी थाना प्रभारी समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे। पुलिस अफसरों police officers() का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चार दिन यानी 15 दिसंबर तक जोनवार चलेगा। पुलिस कमिश्नर ने कमिश्नरेट सिस्टम में मिले अधिकारों को लेकर बताया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सबसे खास बात यह रही कि रिटायर्ड आईएएस जेएन मालपानी (JN Malpani) ने भी ट्रेनिंग दी जो 2015 में घूस मांगने के आरोप पर सस्पेंड हो चुके हैं।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में यह भी बताया कि कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने एवं संचालित करने के लिए वह पुलिस आयुक्त प्रणाली के तहत मिले अधिकारों का कैसे परिपालन कर सकते हैं। अधिकारों को कैसे एग्जिक्यूट (कार्यान्वित) करना है, इसके बारे में भी जानकारी दी। वहीं पुलिस कमिश्नर बनने के बाद मकरंद देऊस्कर ने पहली बैठक की। उन्होंने कहा कि माफियाओं (mafia) के खिलाफ प्रशासन की मदद लेकर कड़ी कार्रवाई करेंगे। चोरी और नकबजनी से ज्यादा अब लोग साइबर क्राइम (cyber crime) के शिकार हो रहे हैं। इस तरह के क्राइम को रोकने के लिए खास ध्यान दिया जाएगा। पुलिस कमिश्ननरेट सिस्टम में बचे हुए पदों पर जल्दी नियुक्ति की जाएगी।

देऊसकर ने एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट(executive magistrate) के दायित्वों की प्रक्रिया के संबंध में भी बताया। साथ ही उक्त प्रक्रियाओं से संबंधित अपने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली हम सब के लिए चुनौतीपूर्ण और नई जिम्मेदारी भरी है। नई जिम्मेदारियों के लिए सभी अधिकारियों को पूर्ण रूप से तैयार व प्रशिक्षित होना है। ताकि अपराधों के नियंत्रण के साथ-साथ शहर में अतिसुरक्षित माहौल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति में शक्तियों व अधिकारों पर त्वरित निर्णय लेकर दायित्वों का निर्वहन करें।

ताकि उम्मीदों पर उतरें खरा
प्रशिक्षण कार्यक्रम में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया, भोपाल जेसीपी इरशाद वली और ट्रेनर एसडीएम संजय श्रीवास्तव ने भी अधिकारियों को दक्षता का पाठ पढ़ाया। उन्होंने बताया कि एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के दायित्वों की जो प्रक्रिया है उसे समझने व नए दायित्वों को निभाने के लिए सभी अधिकारियों को तत्पर व प्रशिक्षित होना है, ताकि अपराधों पर नियंत्रण के साथ-साथ आमजन के लिए शहर में सुरक्षित माहौल तैयार किया जा सकें एवं आमजन व प्रशासन की उम्मीदों पर खरा उतर सकें।

2015 हुए थे सस्पेंड
दिसंबर 2015 में जेएन मालपानी को रिश्वत मांगने के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। तब वह अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के आयुक्त थे। उनके साथ बड़वानी में तब सहायक आयुक्त आदिवासी रहे विकास आरके श्रोती को भी रिश्वत मांगने के आरोप में सस्पेंड किया गया था। उन्हें संभागीय उपायुक्त कार्यालय में अटैच किया गया था, जबकि मालपानी का मुख्यालय मंत्रालय ही रखा गया था।

वायरल हुआ था आडियो
दरअसल, मालपानी और श्रोती के बीच रुपयों के लेन-देन का आडियो सामने आया था। इसमें मालपानी कह रहे थे- अकेले-अकेले खाओगे तो इनडाइजेशन हो जाएगा। आडियो सामने आने के बाद सरकार ने मालपानी को पद से हटाते हुए जांच कमेटी गठित की थी। मुख्य सचिव आरएस जुलानिया की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई की गई थी। निलंबन अवधि के दौरान ही मालपानी रिटायर्ड हो गए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button