प्रयागराज में खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा-यमुना, अलर्ट पर आया प्रशासन

प्रयागराज। भारत (India) के अधिकांश राज्यों में भारी बारिश (Havy Rain) का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश के कारण नदियों का जल स्तर खतरे के निशान को पार कर रहा है। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के ग्वालियर-चंबल में मची तबाही के बाद अब यूपी (UP) में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा और यमुना नदी (Ganga and Yamuna river) का जलस्तर काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है, जिससे अब यहां भी बाढ़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। इस बीच जिला प्रशासन ने बड़ी तबाही से बचाने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
बताया जा रहा है कि गंगा और यमुना नदी में राजस्थान (Rajsthna) के धवलपुर बैराज (Dhawalpur Barrage) से लगभग 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिसके कारण इन दोनों नदियों का जल स्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। कहा जा रहा है अगर इन दिनों नदियों का जल स्तर इसी तेजी के साथ बढ़ता रहा तो सोरांव, फूलपुर, हंडिया, बारा, करछना और मेजा के कई गांवों भारी बाढ़ की संभावना बन जाएगी।
बनाई गई 98 बाढ़ चैकियां
बाढ़ के मद्देनजर कुल 98 बाढ़ चैकियां और 110 बाढ़ शरणालय बनाए गए हैं। जिन पर सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, चिकित्साधिकारियों, पशु डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ आदि की ड्यूटी लगायी जा चुकी है। संगम क्षेत्र में जल पुलिस, पीएसी और एसडीआरएफ की 20 मोटर बोट/मोटर लांच समस्त जीवन रक्षक उपकरणों सहित तैनात किए गए हैं।
मेला प्रशासन के पास 2 मोटर बोट, लोक निर्माण विभाग के पास 1 मोटर वोट, सिंचाई विभाग के पास 2 मोटर वोट और विकास प्रधिकरण के पास 4 मोटर बोट उपलब्ध है। इसके अलावा कुल 1000 प्राइवेट नावें (छोटी, मझोली और बड़ी मिलाकर) और 5 प्राइवेट मोटर बोट भी उपलब्ध है।