वैक्सीन की दो डोज 94 फीसदी कारगर, स्टडी में आया सामने

प्रमुख खबरें: नई दिल्ली। कोरोना महामारी (corona pandemic) से बचाव का सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन (Vaccine) है। जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है, उन्हें 94 फीसदी कोरोना से लड़ने की सुरक्षा देती है। यह कहना है भारत में कोरोना टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर वीके पॉल (VK Paul) का। अब तक देश में 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है, इसमें से 5 करोड़ लोगों को टीके की दोनों डोज लग गई है।
डॉक्टर पॉल का कहना है कि दूसरी लहर (second wave) के दौरान वैक्सीन लेने वाले हेल्थवर्कर्स (health workers) पर वायरस का काफी कम असर दिखा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन ली उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत नहीं आई।
इसके साथ ही ऐसे लोगों को ऑक्सीजन (oxygen) की भी जरूरत नहीं पड़ी। डॉक्टर पॉल ये बातें वेल्लूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (Christian Medical College at Vellore) की एक स्टडी (study) के आधार पर कह रहे थे।
वैक्सीन लेने वालों की हुई स्टडी
बता दें कि कॉलेज ने वैक्सीन के असर को लेकर जो स्टडी की है, उसमें 8991 हेल्थ वर्कर्स को शामिल किया गया। इनमें से कई ऐसे लोग भी थे जिन्हें वैक्सीन की सिर्फ एक डोज दी गई थी। इसी अध्ययन के आधार पर पता चला है कि वैक्सीन 94 फीसदी तक सुरक्षा देती है। साथ ही वैक्सीन लेने वालों को अस्पताल और आईसीयू (ICU) जाने की नौबत नहीं आती है। इसके अलावा वैक्सीन लेने वालों को ऑक्सीजन सपोर्ट की भी जरूरत नहीं पड़ती है।
डॉ पॉल ने कहा, ‘भारत से ऐसे अध्ययन सामने आ रहे हैं जो दिखा रहा है कि टीकाकरण के बाद लोगों को सुरक्षा मिलती है। स्वास्थ्य कर्मियों पर दो ऐसे अध्ययन हैं, जो जो हाई रिस्क ग्रुप है। अध्ययनों से पता चलता है कि टीकाकरण के बाद अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता 75-80 प्रतिशत तक कम हो जाती है।’
सिर्फ 8 फीसदी को ऑक्सीजन, 6 फीसदी को आईसीयू की जरूरत
डॉक्टर पॉल ने कहा कि वैक्सीन लेने के बाद सिर्फ 8 फीसदी मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। इसके अलावा सिर्फ 6 फीसदी मरीजों को ही आईसीयू में भर्ती होने की नौबत आती है। लिहाजा वैक्सीन से 94 फीसदी तक की सुरक्षा मिल रही है। उन्होंने कहा, ‘ये काफी मजबूत डेटा है। दरअसल हाई रिस्क ग्रुप पर ये स्टडी की गई है। एक दूसरे स्टडी में 7 हजार लोगों पर नजर रखी गई और इसमें से सिर्फ एक की मौत हुई। इतना ही नहीं जिस शख्स की मौत हुई उन्हें पहले से कई बीमारियां थी।’