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अब भारत के वैज्ञानिकों का दावा…वुहान लैब से लीक हुआ कोरोना वायरस

 प्रमुख खबरें: पुणे। अमेरिका के बाद अब भारत के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस (corona virus) की उत्पति (Origin) चीन के वुहान लैब (wuhan lab) से हुई है। पुणे के रहने वाले वैज्ञानिक दंपत्ति डॉ. राहुल बाहुलिकर (Rahul Bahulikar) और डॉ. मोनाली राहलकर (Monali Rahalkar) ने दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे अनजान लोगों के साथ मिलकर इंटरनेट से इस संबंध में सबूत जुटाए हैं। जिन लोगों ने इंटरनेट से सबूत एकत्रित किए हैं, वे पत्रकार, गुप्तचर या खुफिया एजेंसियों के लोग भी नहीं हैं। वे अनजान लोग हैं, जिनका मुख्य स्रोत ट्विटर (twitter) और दूसरे ओपन सोर्स हैं।

इन लोगों ने अपने समूह को ड्रैस्टिक (Decentralized Radical Autonomous Search Team Investigating COVID-19) का नाम दिया है। इन लोगों का मानना है कि कोरोना चीन के मछली बाजार से नहीं बल्कि वुहान की लैब से निकला है। इनकी इस थ्योरी को पहले षड्यंत्र बताकर खारिज कर दिया गया था। लेकिन इसने अब दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने भी इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।





चाइनीज एकेडमिक पेपर और गुप्त दस्तावेजों से खुलासा
ये लोग चीनी दस्तावेज का अनुवाद कर अपने स्तर पर इसकी जांच कर रहे हैं। चाइनीज एकेडमिक पेपर और गुप्त दस्तावेजों के अनुसार इसकी शुरूआत साल 2012 से होती है। उस समय छह खदान श्रमिकों को यन्नान के मोजियांग (mojiang) में उस माइनशाफ्ट को साफ करने भेजा गया था जहां चमगादड़ों (bats) का आतंक था। उन श्रमिकों की वहां मौत हो गई। साल 2013 में वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. शी झेंगली (shi zhengli) और उनकी टीम माइनशाफ्ट से सैंपल को अपने लैब लेकर आ गई।

ड्रैस्टिक का दावा, शी को एक अज्ञात कोरोना स्ट्रेन मिला 
शी का कहना है कि श्रमिकों की मौत गुफा में मौजूद फंगस की वजह से हो गई। इसके उलट ड्रैस्टिक का दावा है कि शी को एक अज्ञात कोरोना स्ट्रेन मिला जिसे उन लोगों ने आरएसबीटीकोव/4491 का नाम दिया। रिपोर्ट के अनुसार वुहान वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट के साल 2015-17 के पेपर में इस का विस्तार से जिक्र किया गया है। ये बहुत ही विवादित प्रयोग थे जिन्होंने वायरस को बहुत अधिक संक्रामक बना दिया। यह थ्योरी बताती है कि एक लैब की गलती कोविड-19 के विस्फोट का कारण बनी।

चीनी वायरोलॉजिस्ट ने कहा-फाउची के इमेल से लीक की बात सच साबित हुई
एक चीनी वायरोलॉजिस्ट (Chinese virologist) ने कहा है कि अमेरिका के शीर्ष कोरोनावायरस सलाहकार एंथनी फाउची (Anthony Fauchi) के ई-मेल साबित करते हैं कि कोरोना की उत्पत्ति वुहान के लैब से ही हुई थी। डॉक्टर ली-मेंग यान (li meng yan) जो उन लोगों में से थीं, जिन्होंने सबसे पहले कोरोना के वुहान की लैब से लीक हुए होने की बात कही थी। डॉक्टर ली-मेंग यान कोरोना पर शोध करने वाले पहले लोगों में से एक थीं और उन्होंने खुलासा किया था कि बीजिंग (Beijing) पर इस मामले को छुपाने का आरोप लगाने के बाद उन्हें छिपने के लिए मजबूर किया गया।

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