ताज़ा ख़बर

दिल्ली के प्रदूषण पर SC में सुनवाई: वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में नहीं केन्द्र, कोरोना का हवाला देकर कही यब बात

नई दिल्ली। दिल्ली और एनसीआर (Delhi and NCR) में लगातार बढ़ते प्रदूषण (Pollution) को लेकर आज एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार (central government) की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा (affidavit) दाखिल किया गया। जिसमें कहा गया है कि हाल के दिनों में कोरोना महामारी (corona pandemic) के दौरान लगे लॉकडाउन (lockdown) के कारण सरकारी काम (official work) बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ, इसलिए सरकार घर से काम करवाने यानि वर्क फ्रॉम होम (work from home) के पक्ष में नहीं है। वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) ने पराली (Parali) को लेकर कहा कि हमारे खिलाफ मीडिया में गलत खबरें चलाई जा रही हैं, हम पर कोर्ट को गुराह करने का आरोप लगाया जा रहा है।

सॉलिसिटर के सवाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार की तरफ कोर्ट को गुमराह नहीं किया गया है। ऐसी आलोचनाएं होती रहती हैं। हमारा उद्देश्य साफ है। इसलिए मुद्दे से न भटकते हुए सभी आरोपों को भूल जाइए। इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा था कि वे कम-से-कम एक हफ्ते के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करें। इसके जवाब में केंद्र ने कहा है वर्क फ्रॉम होम (work from home) से प्रदूषण (Pollution) के स्तर पर कोई खास असर नहीं होगा। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने फैक्टरी, परिवहन, धूल और कुछ हद तक पराली जलाने को भी प्रदूषण की सबसे बड़ी वजहों में शामिल किया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारों को तत्काल कदम उठाने के निर्देश भी दिए थे।





इसके अलावा केंद्र ने अपने हलफनामें Delhi-NCR के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की रिपोर्ट का जिक्र किया है। इस रिपोर्ट में वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार लाने के लिए दिल्ली में 21 नवंबर तक ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल आवश्यक वस्तुओं वाले ट्रकों का ही प्रवेश दिल्ली में हो। इसके अलावा थर्मल प्लांट और निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाने का जिक्र किया गया है।

पंजाब बोला-पराली जलाने को रोकने उठा रहे कदम
पराली जलाने को लेकर निशाने पर आई पंजाब सरकार (Punjab Government) ने भी बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें केंद्र से आर्थिक सहायता की जरूरत है। कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा, ‘पराली जलाने की समस्या को रोकने के लिए हम हर संभव कदम उठा रहे हैं लेकिन हमारी आर्थिक सीमाएं हैं। हमें पराली जलाने वाली समस्या को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की जरूरत है। हम किसानों के लिए एमएसपी से अलग 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से मुआवजे की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह अभी तक नहीं मिला है।’

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button