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UPA सरकार को सुनना चाहिए कड़वा सच, केन्द्र ने पहली बार NPAका पैसा बैंकों को दिलाया वापस: निर्मला

नयी दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बन गये ऋणों की भरपाई नहीं कर पाने का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने कहा कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि भाजपा की मोदी सरकार ने चूककर्ताओ से पैसा वापस लिया है। यह बात उन्होंने लोकसभा में कही।

ऋण चूककर्ताओं और एनपीए के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के बारे में द्रमुक के टी आर बालू के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए सीतारमण ने कहा कि कर्ज का राइटिंग आफ (बट्टे खाते में डालना) पूरी तरह छूट देना नहीं होता और बैंक ऋण के हर मामले में भरपाई की प्रक्रिया संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ऋण चूककतार्ओं की संपत्तियां जब्त करने के साथ उनसे 10,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की भरपाई की है।





सीतारमण ने कहा, देश में पहली बार मोदी सरकार में बैंकों को अनेक एनपीए संबंधी पैसा वापस मिला है। जबकि संप्रग सरकार में एनपीए से कोई भरपाई नहीं की गयी। वित्त मंत्री के इस बयान पर सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने आपत्ति जताई। जिस पर सीतारमण ने कहा कि विपक्षी पार्टी को कड़वा सच सुनना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में राजनीतिक आधार पर फोन पर ऋण दे दिये जाते थे।

वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि विभिन्न धोखाधड़ी वाली योजनाओं से अनेक छोटे निवेशकों को ठगने वाले लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होने समेत कार्रवाई की गयी हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी ऐप आधारित वित्तीय कंपनियों पर निगरानी रख रहा है।

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