पेगासस जासूसी कांड : सुप्रीम कोर्ट अब 16 अगस्त को करेगा सुनवाई, उठी एसआईटी जांच की मांग

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Detective Scandal) से जुड़ी याचिकाओं पर होने वाली सुनवाई को 16 अगस्त तक के लिए टाल दी है। इस दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना (Chief Justice NV Ramanna) की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय बेंच ने मंगलवार को कहा कि किसी को भी सीमा नहीं लांघनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) और याचिकाकर्ताओं से एनवी रमन्ना (NV Ramanna) ने कहा, ‘किसी को भी अपनी सीमा नहीं पार करनी चाहिए और सभी को इस मामले में अवसर प्रदान किया जाएगा।’
सुनवाई शुरू होते ही मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने पूछा कि क्या कॉपी सरकार को दे दी गई? इस बीच सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि शिकायत की कॉपी अभी पढ़ी जा रही है। कॉपी पढ़ने के बाद ही सरकार से निर्देश लेने के बाद अपनी दलील रख पाएंगे। इसलिए शुक्रवार तक का समय दिया जाए। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि शुक्रवार को हमें कुछ समस्या है, अब हम अगली सुनवाई 16 अगस्त को करेंगे। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने कहा कि जो भी याचिकाकर्ता हमारे सामने हैं, हमारे सामने ही बात रखें।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका दायर करने वालों को सिस्टम में भरोसा रखना चाहिए और समानांतर रूप से सोशल मीडिया (social media) पर किसी तरह की बहस से बचना चाहिए। अदालत ने याचिकाकर्ताओं में शामिल विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों से कहा कि उन्हें जो कुछ भी इस मामले पर कहना है, अदालत में ही कहना चाहिए। कोर्ट ने कहा, ‘आप एक बार जब अदालत में आ जाते हैं तो फिर किसी भी मामले पर यहीं कायदे से बहस की जानी चाहिए।’
याचिकाओं में की गई एसआईटी जांच की मांग
इस मामले में पत्रकारों, वकीलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया की तरफ से अर्जियां दायर कर एसआईटी जांच की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर या मौजूदा जज की अध्यक्षता में SIT गठित कर जांच करवाई जाए। इससे पहले इस मामले में 5 अगस्त को मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने सुनवाई की थी।
रक्षा मंत्रालय ने तोड़ी चुप्पी
वहीं, पेगासस जासूसी मुद्दे पर जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने चुप्पी तोड़ी है। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने सोमवार को राज्यसभा में बताया कि सरकार का एनएसओ के साथ कोई लेनदेन नहीं रहा। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने एक लिखित जवाब में बताया कि उनके मंत्रालय ने इस्राइल कंपनी के साथ कोई करार नहीं किया और उसकी किसी तरह की सेवा नहीं ली। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी इससे पहले राज्यसभा में सरकार द्वारा एनएसओ की कोई भी सेवा लिए जाने से इनकार किया था।