सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मुद्दे पर की सुनवाई: याचिककर्ताओं से कहा- आरोप गंभीर, लेकिन क्यों नहीं दर्ज करवाई शिकायत

ताजा खबर : नई दिल्ली। जिस पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Detective Scandal) को लेकर विपक्षी पार्टियां (opposition parties) संसद से लेकर सड़क तक हंगामा मचाए हुई हैं उसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं की दलीलें सुनने के बाद शीर्ष अदालत के चीफ जस्टिस (chief Justice) ने कहा कि याचिका में लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं लेकिन आईटी एक्ट (IT ACT) के तहत शिकायत दर्ज क्यों नहीं करवाई गई है? सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं (petitioners) से यह भी सवाल किया कि अगर आपको लगता है कि आपका फोन हैक हुआ है, तो फिर FIR दर्ज क्यों नहीं करवाई? अब इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते मंगलवार को होगी।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में पेगासस जासूसी मामले को लेकर विभिन्न याचिकाएं दायर की गई हैं और इन याचिकाओं में पेगासस जासूसी कांड की कोर्ट कि निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की गई है। इनमें राजनेता, एक्टिविस्ट, एडिटर्स गिल्ड आफ इंडिया और वरिष्ठ पत्रकारों एन. राम और शशि कुमार द्वारा दी गई अर्जियां भी शामिल हैं।
याचिका की कापी भेजें केन्द्र को
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओ से कहा है कि याचिका की कॉपी केन्द्र सरकार (central government) को भी भेजें। अब इस मामले में अगले हफ्ते सुनवाई होगी। कोर्ट की ओर से इस दौरान एमएल शर्मा को फटकार भी लगाई गई, जिन्होंने प्रधानमंत्री (PM), गृह मंत्री (home Minister) और अन्य व्यक्तिगत लोगों के खिलाफ याचिका दायर की थी। अदालत ने कहा कि वह कोई फायदा उठाने की कोशिश ना करें।
याचिका दायर करने वाले वकील एमएल शर्मा को सुनवाई की शुरूआत में ही तंज का सामना करना पड़ा। चीफ जस्टिस ने अदालत में कहा कि वह पहले कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) को सुनेंगे, क्योंकि एमएल शर्मा (ML Sharma) की याचिका सिर्फ अखबारों की कटिंग के आधार पर ही है। चीफ जस्टिस ने पूछा कि आपने याचिका दायर ही क्यों की है?
तो आरोप काफी गंभीर- सीजेआई
वरिष्ठ पत्रकार एन. राम की ओर से पेश कपिल सिब्बल ने कोर्ट में कहा कि पेगासस जैसा सॉफ्टवेयर एक व्यक्ति की प्राइवेसी पर हमला है और संविधान के नियमों के खिलाफ है। सिर्फ एक फोन के दम पर कोई भी हमारी जिंदगी में घुस सकता है, सबकुछ देख-सुन सकता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यूज रिपोर्ट में जो बताया गया है अगर वो सच है तो ये आरोप काफी गंभीर हैं।
‘सरकार को देना चाहिए जवाब’
याचिकाकर्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने मांग करते हुए कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि क्या उन्होंने ये सॉफ्टवेयर खरीदा और कहां पर इस्तेमाल किया। सरकार ने इस बात को माना है कि 121 स्पाइवेयर से प्रभावित यूजर भारत में हैं। इस सॉफ्टवेयर को सिर्फ सरकारें ही खरीद सकती हैं, जिसपर चीफ जस्टिस ने कहा कि एक राज्य सरकार भी सरकार ही है। कपिल सिब्बल ने कहा कि ये राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) का मामला है, ऐसे में सरकार को जवाब देना चाहिए।