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नहीं बचेगी इमरान की कुर्सी: फ्लोर टेस्ट से पहले अब MQM ने भी छोड़ा साथ, एकजुट विपक्ष के साथ किया समझौता

इस्लामाबाद। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। गठबंधन में शामिल कई पार्टियों द्वारा साथ छोड़ देने के बाद अब बुधवार को इमरान को और बड़ा झटका लगा है। दरअसल, इमरान खान सरकार सहयोगी पार्टी एमम्यूएम ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से ठीक पहले विपक्षी दलों से समझौता कर लिया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने बुधवार तड़के ट्वीट किया कि एकजुट विपक्ष और एमक्यूएम के बीच समझौता हो गया है।

बिलावल भुट्टो जरदारी ने ट्विटर पर लिखा, राब्ता समिति एमक्यूएम और पीपीपी सीईसी उक्त समझौते की पुष्टि करेंगे। हम कल आईए को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के साथ विवरण साझा करेंगे। बधाई हो पाकिस्तान। अविश्वास प्रस्ताव पर महत्वपूर्ण वोट से पहले देर रात के घटनाक्रम ने इमरान खान के भविष्य को संकट में डाल दिया है, क्योंकि पीटीआई सरकार संसद के निचले सदन में बहुमत खो चुकी है।

एमक्यूएम-पी द्वारा इमरान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ का साथ छोड़ना बड़ा झटका है, क्योंकि उनके समर्थक दलों व सांसदों की संख्या लगातार घट रही है। उनकी सरकार अल्पमत में आ चुकी है। जियो टीवी के अनुसार इमरान सरकार पाकिस्तानी संसद के निचले सदन में बहुमत खो चुकी है, भले ही पाक नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान तीन अप्रैल को होने वाला है और इसके बाद औपचारिक पतन होगा।





एमक्यूएम-पी ने विपक्ष को समर्थन देने का फैसला तब किया जब दोनों पक्षों ने कराची के प्रशासक मुर्तजा वहाब द्वारा तैयार किए गए एक मसौदे पर हस्ताक्षर किए। पाकिस्तान के जियो टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हस्ताक्षर करने वालों में नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी भी शामिल हैं।

पाकिस्तानी असेंबली का पूरा गणित
पाकिस्तान असेंबली में 342 सदस्य हैं। बहुमत के लिए 172 सदस्य होने जरूरी हैं। एमक्यूएम के इमरान खान का साथ छोड़ने के बाद विपक्ष के पास 177 सदस्यों का समर्थन हो जाएगा। जबकि इमरान खान के पास 164 सदस्यों का समर्थन रह जाएगा। विपक्ष को इमरान खान की सरकार गिराने के लिए सिर्फ 172 सदस्यों की जरुरत है। जो अब संभव होता नजर आ रहा है। उधर, इमरान खान ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग विदेशी फंड की मदद से पाकिस्तान में उनकी सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं। इमरान सरकार में मंत्री असद उमर ने दावा किया है कि पीएम इमरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस को यह पत्र दिखाने के लिए तैयार हैं।

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