इमरान खान अंतरराष्ट्रीय भिखारी: इनका जाना ही सभी समस्याओं का हल, विदेश के अब देश में ही पाक पीएम फजीहत
इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) को नया पाकिस्तान बनाने नारा देने वाले प्रधानमंत्री इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) की फजीहत अब विदेश में नहीं बल्कि देश में ही होने लगी है। जमात-ए-इस्लामी (JI) के प्रमुख सिराजुल-हक (Sirajul-Haq) ने इमरान खान को अंतरराष्ट्रीय भिखारी (international beggar) करार दिया है। हक ने रविवार को कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का जाना ही आर्थिक संकट (financial problem) से जूझ रहे देश की सभी समस्याओं का हल है। लाहौर में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने देश में नए सिरे से चुनाव कराने की अपील की।
पेट्रोलियम की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए हक ने इमरान सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इमरान खान और पाकिस्तान एक साथ काम नहीं कर सकते। जियो न्यूज ने हक के हवाले से कहा, इस देश में राजनीति से फायदे या नुकसान के लिए कोई जगह नहीं बची है, क्योंकि इमरान खान का जाना ही सभी समस्याओं का समाधान होगा। दरअसल अंररराष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) के साथ विवादास्पद सौदे और संसद में मिनी बजट पास कराने के बाद से इमरान तीखी आलोचना झेल रहे हैं।
इस बीच सिराजुल हक ने कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार देश पर शासन करने में असमर्थ है। देश में राजनीति से फायदे या नुकसान के लिए कोई जगह नहीं बची है। इमरान खान का जाना ही सभी समस्याओं का हल होगा। वहीं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (Pakistan People’s Party President Bilawal Bhutto Zardari) ने भी इमरान खान की आलोचना की। उन्होंने तो इमरान को सदी का संकट करार दिया। कहा कि ये नई मशीनरी में पुराने पार्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है।
फाइनेंसियल बिल पास करने से विपक्ष का इनकार
इस बीच, विपक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की शर्तों को पूरा करने के लिए फाइनेंस (सप्लीमेंट्री) बिल 2021 और स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान (संशोधन) विधेयक 2021 को पारित करने से इनकार कर दिया है। सप्लीमेंट्री फाइनेंस बिल की मंजूरी पाकिस्तान की 6 अरब अमेरिकी डॉलर की विस्तारित फंड सुविधा (ईएफएफ) की छठी समीक्षा के लिए जरूरी थी।
क्यों हो रही है इमरान की इतनी आलोचना
पाकिस्तान इन दिनों घोर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। देश पर विदेशी मुद्रा कर्ज बढ़ता जा रहा है, वहीं सरकारी तिजोरी खाली हो गई है। ऐसे में सरकार को वित्तीय मदद के लिए आईएमएफ पर निर्भर होना पड़ रहा है। हाल ही में इमरान सरकार ने दो बिल पारित कराए हैं। इन्हें बोलचाल में मिनी बजट कहा जा रहा है। पहला बिल 360 अरब डॉलर के वित्तीय उपायों से संबंधित है। इसके तहत कई क्षेत्रों में बिक्री कर बढ़ जाएंगे। जबकि इनकम टैक्स में रियायतें बढ़ा दी गई हैं।