नई दिल्ली। पराली जलाने वालों को अब भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। दरअसल सुप्रीम कोर्ट की नाराजगी के बाद केन्द्र सरकार ने पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त फैसला लेते हुए जुर्माने की राशि को दोगुना कर दिया है। नए लिए गए सख्त फैसले के मुताबिक, दो एकड़ से कम जमीन वाले किसानों को 5,000 रुपये, 2 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों को 10,000 रुपये और पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30,000 रुपये जुर्माना देना होगा। बता दें कि पराली जलाने की वजह से वायु प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। देश में सबसे ज्यादा बुरे हाल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के यहां। यहां के एक्यूआई 400 के पार पहुंच गया है। वहीं बीते महीने के आखिरी में सुप्रीम कोर्ट ने भी पराली जलाने से प्रभावित राज्य सरकारों को कम जुमार्ने के लिए फटकारा था, जिसके बाद केन्द्र सरकार ने अब पराली जलाने वालों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है।
केंद्र सरकार के ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग’ ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इसके आसपास के इलाकों में ‘एनवायरमेंटल कंपेंसेशन फॉर स्टबल बर्निंग संशोधन कानून’ के प्रावधानों को लागू कर दिया है। ये नियम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम, 2021 के तहत संशोधित किए गए हैं. अधिनियम की धारा 25 की उप-धारा (2) के खंड (एच) का हवाला देते हुए, केंद्र सरकार ने इन नियमों को संशोधित करते हुए “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (पराली जलाने के लिए पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति का अधिरोपण, संग्रहण और उपयोग) संशोधन नियम, 2024” के रूप में पारित किया है।
पांच एकड़ वालों किसानों को पराली जलाने पर देना 30 हजार जुर्माना
इस कानून के तहत जिन किसानों के पास दो एकड़ से कम जमीन है, उन्हें पराली जलाने पर पर्यावरणीय जुर्माने के रूप में पांच हजार रुपये देने होंगे। वहीं जिन किसानों के पास दो से पांच एकड़ जमीन है और वे पराली जलाते पाए जाते हैं तो उन पर जुर्माना 10 हजार रुपये होगा। पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले किसानों को पराली जलाने पर 30 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा। गौरतलब है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने में विफल रहने के लिए पंजाब और हरियाणा की सरकारों की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट ने वायु गुणवत्ता आयोग को पराली जलाने की घटनाएं लगातार होने के चलते पंजाब और हरियाणा सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। साथ ही पीठ ने उसके आदेश के उल्लंघनकतार्ओं पर मुकदमा चलाने के लिए एक सप्ताह की समय सीमा तय की है। राजधानी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर है और लोगों को आने वाले कई दिनों तक वायु प्रदूषण की समस्या से राहत नहीं मिलेगी। बुधवार को दिल्ली में वायु की गुणवत्ता का स्तर 352 एक्यूआई रहा, जो बेहद खराब श्रेणी में है।