पन्ना। पन्ना की रत्नगर्भा धरती वहां के गरीबों और किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। दो-चार महीने में किसी न किसी गरीब या किसान की किस्मत चमक ही जाती है। इसी कड़ी में पन्ना के एक और किसान की किस्मत संवर गई है। उसके हाथ 32.80 कैरेट का नायाब हीरा लग गया है। हीरे की कीमत 3 करोड़ तक आंकी गई है। खास बात यह है कि उथली खदानों से प्राप्त हुआ अब तक का यह तीसरा बड़ा हीरा है। इससे पहले वर्ष 2018 में मिले 42.59 कैरेट का हीरा मिला था।
बताया जाता है कि सरकोहा गांव की उथली हीरा खदान में 32.80 कैरेट वजन का दुर्लभ बेशकीमती हीरा मिला है। जेम क्वालिटी वाले इस हीरे की अनुमानित कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है। इतना बड़ा हीरा मिलने के बाद से स्वामीदीन पाल और उसका परिवार बेहद खुश है। उसका कहना है कि अब तक हमने कठिन जिंदगी जी है, हीरा मिलने के बाद सारे कष्ट व परेशानी दूर हो जाएगी। हीरा अधिकारी ने बताया कि जेम क्वालिटी का यह बेहद दुर्लभ हीरा है, जिसकी बाजार में अच्छी डिमांड होती है। इस हीरे को आगामी हीरा नीलामी में बिक्री के लिए रखा जाएगा। स्वामीदीन नेअपने परिवार के साथ जिला मुख्यालय में संयुक्त कलेक्ट्रेट स्थित हीरा कार्यालय पहुंचा और हीरे का वजन करवाकर उसे विधिवत हीरा कार्यालय में जमा करा दिया है।
चार माह पहले शुरू की थी खदान की खुदाई
जिला खनिज एवं हीरा अधिकारी रवि पटेल ने बताया कि हीरा धारक स्वामीदीन पाल ने हीरा कार्यालय से पट्टा बनवाकर करीब चार माह पूर्व खदान लगाई थी। स्वामीदीन खेती-किसानी व मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करता था, इसके साथ ही हीरे की खदान भी लगाया करता था। हीरा पाने वाले किसान ने बताया कि वह सरकोहा गाँव में स्थित खुद की जमीन में चार माह पूर्व गर्मियों में हीरा खदान का पट्टा बनवाकर खुदाई शुरू की थी। उसे विश्वास था कि उसे बड़ा हीरा जरूर मिलेगा और आज दोपहर लगभग 12 बजे जब वह चाल की धुलाई कर रहा था, उसी समय उसे यह हीरा मिला।
उथली खदान में मिला अब तक का तीसरा बड़ा हीरा
पन्ना में उथली खदानों के साथ एनएमडीसी में मैकनाईज्ड हीरा खदान संचालित होती है। उथली खदानों की बात करें तो यहां 62 वर्ष पूर्व 15 अक्टूबर 1961 को महुआटोला की उथली हीरा खदान से रसूल मोहम्मद को 44.55 कैरेट वजन वाला जेम क्वालिटी का हीरा मिला था। जो अब तक का सबसे बड़ा हीरा है। इसके बाद वर्ष 2018 में मोतीलाल प्रजापति को 42.59 कैरेट वजन का हीरा मिला था। यह हीरा नीलामी में 6 लाख रू. प्रति कैरेट की दर से 2 करोड़ 55 लाख रू. में बिका था। आज मिला नायाब हीरा तीसरा बड़ा हीरा है जो स्वामीदीन पाल को सरकोहा की खदान में मिला है। इसके अलावा एनएमडीसी की खदानों में भी दो 30 कैरेट से बड़े हीरे मिल चुके हैं।