भोपाल। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का आज जन्म जयंती है। उपाध्याय की जन्म जयंती को मप्र भाजपा ने उत्साह के साथ मनाया। मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से लेकर तमाम नेताओं ने लालघाटी में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान सीएम ने दीनदयाल को लेकर कई बड़ी बातें भी कही। बता दें कि जन्म 25 सितंबर 1916 को उत्तर प्रदेश के मथुरा में हुआ था।
सीएम ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने शरीर, मन, बुद्धि, आत्मा से मानवता का भला करने का दर्शन दिया। उनका मानना था कि देश की जड़ों से जुड़कर हम कार्य करें और अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक का भला करें। शांति के अग्रदूत के रूप में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पं. दीनदयाल उपाध्याय की सोच को क्रियान्वित करते हुए विकास और जनकल्याण के कार्य पूरे देश में जारी है। उनके विचारों को घर-घर तक पहुंचाने के लिए संपूर्ण प्रदेश में अभियान जारी है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय द्वारा लगाए गए जनसंघ के पौधे का विस्तार विचार के रूप में देश ही नहीं दुनिया के विभिन्न भागों तक हुआ है। जन-कल्याण की कई योजनाओं के क्रियान्वयन में राज्य सरकार देश में अग्रणी है।
वहीं वीडी शर्मा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों के आधार पर ही विश्व के सबसे बड़े संगठन ने अपना विस्तार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को धरातल पर उतारने के पुनीत कर्तव्य को समर्पित हैं। उनकी जयंती पर प्रत्येक वार्ड, मोहल्ले और गांव-गांव में उनके विचारों पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। अधिक से अधिक लोगों को उनके विचार से जोड़ा जा रहा है। कार्यक्रम में पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण, विमुक्त-घुमन्तु और अर्द्ध-घुमन्तु कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर, महापौर मालती राय, स्थानीय सांसद आलोक शर्मा, विधायक रामेश्वर शर्मा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, विधायक भगवानदास सबनानी तथा अन्य जन प्रतिनिधि उपस्थित थे।
अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित दिन
गौरतलब है कि अंत्योदय दिवस पंडित दीनदयाल उपाध्याय को समर्पित दिन है। इस दिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती होती है। उनके विचारों से समाज को जागरूक कराने के उद्देश्य से अंत्योदय मनाया जाता है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को मथुरा, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे एक महान भारतीय विचारक, संगठनकर्ता और राजनीतिक नेता थे, जिन्होंने भारतीय समाज की जड़ों को मजबूत करने और देश के गरीब और वंचित लोगों के उत्थान के लिए आजीवन काम किया। उन्होंने “अंत्योदय” का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसका मतलब था समाज के सबसे निचले स्तर पर मौजूद व्यक्ति का उत्थान।
1960 और 1970 के दशक में, उन्होंने अपनी विचारधारा के माध्यम से गरीबों के सशक्तिकरण और आर्थिक सुधार पर जोर दिया। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने यह मान्यता दी कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति का विकास नहीं होता, तब तक समाज का समग्र विकास संभव नहीं है। इस विचारधारा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के चलते उनके जन्मदिन को अंत्योदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।