पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi), भाजपा (BJP)और बसपा (BSP) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा, '16 फरवरी को संत रविदास जयंती है। पंजाब के लाखों श्रद्धालु पूजा करने के लिए वाराणसी जाएंगे। ऐसी स्थिति में वह वोट नहीं डाल सकेंगे। इसलिए चुनाव की कोई और तिथि घोषित कर दी जाए।'
नई दिल्ली। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव (Assembly elections) के लिए प्रत्याशियों का एलान होना शुरू हो गया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। इस बीच अब पंजाब (Punjab) में विधानसभा चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। प्रमुख राजनीतिक दलों ने 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव की तिथि बदलने की मांग की है। जिसको लेकर चुनाव आयोग (Election commission) की आज सोमवार को बैठक होने वाली है।
निर्वाचन आयोग आज बैठक में पंजाब के सियासी दलों (political parties) की उस मांग पर विचार करेगा जिसमें उन्होंने गुरु रविदास जयंती (Guru Ravidas Jayanti) के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के लिए 14 फरवरी को प्रस्तावित मतदान को टालने का अनुरोध किया है। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Punjab Chief Minister Charanjit Singh Channi), भाजपा (BJP)और बसपा (BSP) ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा, ’16 फरवरी को संत रविदास जयंती है। पंजाब के लाखों श्रद्धालु पूजा करने के लिए वाराणसी जाएंगे। ऐसी स्थिति में वह वोट नहीं डाल सकेंगे। इसलिए चुनाव की कोई और तिथि घोषित कर दी जाए।’
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 13 जनवरी को निर्वाचन आयोग से मतदान की तारीख छह दिन के लिए आगे बढ़ाने का आग्रह किया था ताकि, अनुसूचित जाति के 20 लाख लोग राज्य विधानसभा चुनाव (state assembly elections) में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा था कि 10 से 16 फरवरी तक राज्य से बड़ी संख्या में अनुसूचित जाति के श्रद्धालुओं के उत्तर प्रदेश के बनारस जाने की संभावना है। ऐसे में इस समुदाय के कई लोग राज्य विधानसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
इसी तरह भाजपा की पंजाब इकाई के महासचिव सुभाष शर्मा (Subhash Sharma) ने रविवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में चुनाव की तारीख आगे बढ़ाने की मांग करते हुए कहा था, राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय सहित गुरु रविदास जी के अनुयायियों की अच्छी खासी आबादी है, जो पंजाब की आबादी का लगभग 32 प्रतिशत है। शर्मा ने लिखा है, ”इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालु उत्तर प्रदेश के बनारस में गुरुपर्व मनाने के लिए जाएंगे। इस कारण से उनके लिए मतदान प्रक्रिया में भाग लेना संभव नहीं होगा।
वहीं बसपा की पंजाब इकाई के प्रमुख जसवीर सिंह गढ़ी ने सबसे पहले मतदान की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने आयोग से 14 फरवरी के बजाय 20 फरवरी को मतदान कराने का अनुरोध किया था। पंजाब की 117 विधानसभा सीटों के लिए 14 फरवरी को मतदान होना है और मतगणना 10 मार्च को होगी।