पंजाब के बाद अब आप की निगाहें गुजरात पर: अहमदाबाद में मान के साथ केजरीवाल 2 को करेंगे रोड शो
अहमदाबाद। आम आदमी पार्टी ने पंजाब में बड़ी जीत कर भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार का गठन कर लिया है। सीएम पद की कुर्सी संभालने के बाद मान एक्शन में आते हुए बीते कुछ ही दिनों में कई बड़े फैसले लिए है। यहां तक की उन्होंने राज्य में 25 हजार युवाओं को नौकरी देने का रास्ता भी साफ कर दिया है। सबसे खास बात यह है कि बड़े फैसले तो पंजाब में हो रहे हैं लेकिन इस एक्शन के जरिए अरविंद केजरीवाल की निगाहें आने वाले गुजरात चुनाव पर लगी हैं।
बता दें कि इस साल के आखिर में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाला है। आम आदमी पार्टी इसके लिए तैयारियों में जुट गई है। इसी कड़ी में 2 अप्रैल को अहमदाबाद में आप रोड शो करने जा रही है। इस रोड शो में केजरीवाल और मान साथ रहेंगे। दिल्ली मॉडल के जरिए पंजाब में जमीन बनी और अब पंजाब के जरिए आप पूरे देश में फैलना चाहती है और यही वजह कि आप हर फैसले से संदेश दे रही है।
सबसे खास बात ये है कि बीते साल गुजरात में हुए निकाय चुनाव में आप ने शानदार प्रदर्शन किया था और सूरत नगर निगम में विपक्ष के तौर पर उभरी थी। दिसंबर में गुजरात में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुजरात से आप के वरिष्ठ नेता इसुदान गढ़वी बताया की केजरीवाल अब अपना पूरा ध्यान गुजरात पर लगाएंगे और आने वाले दिनों में वे एक महीने में दो से तीन बार राज्य का दौरा कर सकते हैं।’ आप राज्य में तेजी से अपना विस्तार करने में जुटी हुई है। गढ़वी के अनुसार, पार्टी ने पहले ही 52 हजार में से 32 हजार बूथ पर प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं।
बातचीत में गढवी ने कहा, ‘बीते 8 महीनों में हमने जिला, ब्लाक और गांव स्तर पर कमेटियां स्थापित की हैं और आखिरकार 138 विधानसभा प्रभारी नियुक्त किए हैं, जिन्हें पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है।’ खबर है कि पंजाब में जीत के बाद ही पार्टी के पोस्टर अहमदाबाद में भी नजर आने लगे थे। जानकारों का मानना है कि पार्टी के नेता जल्दी ही अहमदाबाद पहुंचेंगे और प्रचार प्रक्रिया को तेज करेंगे।
कांग्रेस का नुकसान, आप का फायदा!
गुजरात में आप के ग्राफ के इजाफे को कांग्रेस के नुकसान से जोड़कर देखा जा रहा है। आप के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस ने साल 2017 में मौका गंवा दिया। वे बताते हैं कि उस दौरान कांग्रेस पाटीदार आंदोलन की लहर पर सवार थी और 25 सालों में पहली बार बड़ा आंकड़ा छुआ था। साथ ही 182 सीटों वाले गुजरात में भाजपा की सीटों को भी प्रभावित किया था।
आप के एक नेता ने बताया, ‘लेकिन नतीजे आंदोलन का परिणाम थे और भाजपा की हार को सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने खुद कुछ भी नहीं किया।’ इस दौरान उन्होंने कांग्रेस विधायकों के पार्टी छोड़ने की ओर भी इशारा किया। इधर, 10 और कांग्रेस विधायकों के भाजपा में शामिल होने की अटकलें जारी हैं। राजस्थान के निर्दलीय विधायक ने इस संबंध में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सचेत किया है।