25.1 C
Bhopal

पंजाब की सियासत: बिट्टू को केन्द्रीय मंत्री बनाए जाने इस तरह नाराज हुए जाखड़, प्रदेश अध्यक्ष पद से किया रिजाइन, भाजपा में मची खलबली

प्रमुख खबरे

चंडीगढ़। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के बीच पंजाब से भाजपा के लिए एक बुरी खबर सामने आई है। दरअसल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पद इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने पद से ऐसे समय इस्तीफा दिया है, जब कुछ दिनों बाद ही पंजाब में पंचायत चुनाव होना है। हालांकि शीर्ष नेतृत्व ने उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया है। जाखड़ ने पद ेसे इस्तीफा क्यों दिया इसकी असली वजह सामने नहीं आई है, लेकिन उनके इस्तीफे से पंजाब भाजपा में खलबली जरूर मच गई है।

शुरूआती जानकारी में सामने आया है कि सुनील जाखड़ रवनीत सिंह बिट्टू को केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से हाईकमान से नाराज चल रहे थे। चौंकाने वाली बात यह भी थी कि बिट्टू लोकसभा चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी उन्हें केन्द्रीय मंत्री बनाया था हालांकि, बाद में उन्हें राजस्थान से राज्यसभा भेजा गया। कुल मिलाकर देखा जाए जाखड़ की नाराजगी की असली वजह बिट्टू ही है। बताया यह भी जा रहा है कि जाखंड पिछले कुछ दिनों से सुनील जाखड़ ने प्रदेश कार्यकारिणी की जरूरी बैठकों से दूरी बना रखी थी। सुनील जाखड़ ने इस्तीफा देने को लेकर चुप्पी साध रखी है। पंजाब भाजपा के जनरल सेक्रेटरी अनिल सरीन का कहना है कि सुनील जाखड़ ने इस्तीफा नहीं दिया है। अफवाह फैलाई गई है।

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने पंबाज में किया था बड़ा बदलाव
बता दें कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पंजाब में भाजपा में बड़ा बदलाव हुआ था। भाजपा ने पूर्व कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ को पंजाब का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। सुनील जाखड़ ने पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद मई 2022 में भाजपा का दामन थाम लिया था। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें भाजपा में शामिल कराया था। सुनील जाखड़ तीन बार विधायक और एक बार सांसद भी रह चुके हैं। वह पहली बार 2002 में अबोहर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। जहां एक दर्जन गांवों में जाखड़ जाति की अच्छी खासी आबादी है। 2007 और 2012 में वह अबोहर से फिर विधानसभा चुनाव जीते।

जाखड़ 4 साल तक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं
इसके बाद वह गुरदासपुर लोकसभा उपचुनाव जीतकर सांसद भी बने। सुनील जाखड़ 2017 से 2021 के बीच पंजाब में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष भी रहे हैं लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव से छह महीने पहले उनकी जगह नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष बना दिया गया था। पंजाब में जाखड़ का अच्छा राजनीतिक तजुर्बा है। हिंदू और जाट समाज में उनकी अच्छी पकड़ है। सुनील जाखड़ के पास पंजाब की राजनीति में बेहतरीन अनुभव के साथ-साथ गांव और शहर में अच्छी पैठ भी है। हर विधानसभा में उनका अपना एक काडर है।

- Advertisement -spot_img

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

ताज़ा खबरे