नज़रिया

निकाय चुनाव: कांग्रेस ने शुरू की मैदानी स्तर पर तैयारी, उम्मीदवरों को जिताने नाथ ने विधायकों को सौंपा जिम्मा

भोपाल। माना जा रहा है कि प्रदेश में कभी भी नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा हो सकती है, यही वजह है कि भाजपा के बाद अब कांग्रेस में निकाय चुनावों को लेकर तेजी से काम किया जा रहा है। कांग्रेस द्वारा इसके लिए पूरी तरह से मैदानी स्तर पर तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा रहा है।

इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने दल के विधायकों को उनके इलाकों के नगरीय निकाय चुनाव जिताने का जिम्मा सौंपा हैं, लेकिन इन विधायकों की इस मामले में अपने दल के जिलाध्यक्ष और प्रत्याशी चयन समिति के साथ पटरी नहीं बैठ पा रही है। इसकी वजह से प्रत्याशी चयन का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। यही वजह है कि अब तक जिलों में प्रत्याशी चयन समिति की एक भी बैठक तक नहीं की जा सकी है। यही नहीं कांग्रेस के प्रभारी और सह प्रभारी के दौरे के बाद भी चुनाव के लिए कांग्रेस में एकजुटता का अभाव दिख रहा है। दरअसल संगठन द्वारा विधायकों को प्रत्याशी के जीत का जिम्मा दिए जाने की वजह से वे चाहते हैं कि उनकी पसंद के प्रत्याशी को ही मैदान में उतारा जाए , जबकि स्थानीय चयन समितियां इसके लिए तैयार नहीं दिख रही हैं। दरअसल नाथ इस हार-जीत के आधार पर ही विधायकों की उनके क्षेत्र में पकड़ और जनाधार का आंकलन का पैमाना मान रहे हैं।

यह पूरी कवायद 2023 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए अभी से की जा रही है। खास बात यह है कि इसके बाद भी कांग्रेस विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड के संभावित प्रत्याशी के चयन तक अपने आपको सीमित किए हुए हैं। यही वजह है कि प्रत्याशी चयन समिति के अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी निभाने वाले जिलाध्यक्ष लगातार प्रदेश संगठन से शिकायत कर रहे हैं कि विधायक उन्हें इस मामले में कोई मदद नहीं कर रहे हैं। गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस द्वारा इस बार नगरीय निकाय चुनाव में प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर दी गई है। यह बात अलग है कि अगर जिला स्तर पर प्रत्याशी को लेकर आम सहमति नहीं बनती है, तो फिर प्रदेश संगठन यह काम करेगा। इंदौर नगर निगम के महापौर पद के लिए विधायक संजय शुक्ला के नाम की घोषणा किए जाने के बाद भी अब तक पार्टी विधायकों को महापौर प्रत्याशी बनाने के बारे में कोई फैसला कांग्रेस नहीं ले सकी है।

चारों महानगरों में बन चुके हैं प्रभारी
नगरीय निकाय चुनाव के लिए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रभारी पहले ही बनाए जा चुके हैं। यह बात अलग है कि अब तक प्रभारी बैठक ही नहीं कर सके हैं। भोपाल में पूर्व मंत्री लखन घनघोरिया, इंदौर में डॉक्टर विजय लक्ष्मी साधौ, जबलपुर में हिना कावरे और ग्वालियर में बृजेंद्र सिंह राठौर को प्रभारी बनाया गया है।

यह हैं चयन समिति में
प्रदेश कांग्रेस द्वारा बनाई गई चयन समिति का अध्यक्ष स्थानीय जिलाध्यक्ष को बनाया गया है। इसके अलावा इसमें एक महिला के अलावा तमाम पदाधिकारियों को भी रखा गया है। इन समितियों को एक नाम तय कर जिलाध्यक्ष के माध्यम से प्रदेश कांग्रेस को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए जिला स्तर पर बनी समितियों का अध्यक्ष पार्टी के जिला अध्यक्ष को बनाया गया है। जिसमें जिले के सभी पार्टी विधायक, युवा कांग्रेस, सेवादल, महिला कांग्रेस, एनएसयूआई के अध्यक्ष के अलावा प्रदेश कांग्रेस द्वारा मनोनीत प्रभारी, सह प्रभारी के अलावा लोकसभा चुनाव व विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों को भी शामिल किया गया है।

युवक कांग्रेस भी कर रही दावेदारी
इस बार युवक कांग्रेस भी निकाय चुनाव में अपने कार्यकतार्ओं को प्रत्याशी बनाए जाने के लिए पूरी तरह से दावेदारी कर रही है। माना जा रहा है कि उसकी इस मांग से संगठन भी सहमत है। यही वजह है कि प्रदेश के निकाय चुनावों में युंका प्रत्याशियों के नामों पर मंथन करने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.वी. श्रीनिवास द्वारा 4 सदस्यीय प्रदेश स्तरीय छानबीन समिति का गठन कर दिया गया है। यह कमेटी युवा कांग्रेस की ओर से इन चुनाव में हिस्सा लेने वाले संगठन के सक्रिय और मजबूत स्थिति वाले उम्मीदवारों की छानबीन कर दोवदारों के नामों का चयन कर संगठन को देगी। इसकी वजह है बीते विधानसभा और फिर उसके बाद उपचुनाव में क्रमश: युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष चुनाव जीत चुके हैं, यही नहीं इसके पहले युकां अध्यक्ष रहते ही जीतू पटवारी भी विधायक का चुनाव जीते थे।

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