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नापाक हरकतों से बाज नहीं नहीं आ रहा पड़ोसी, अखनूर में किया सीजफायर का उल्लंघन, गोलीबारी में जवान घायल

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जम्मू। हर बार मुंह की खाने के बाद भी पड़ोशी देश पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। इसी कड़ी में उसने एक बार फिर शीजफायर का उल्लंघन किया है। मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात जम्मू के अखनूर इलाके में पाकिस्तान की तरफ से गोलीबारी की गई है। पीआरओ बीएसएफ जम्मू के अनुसार गोलीबारी की घटना बीती रात 02:35 बजे के करीब हुई। पाकिस्तान की इस हरकत का जवाब बीएसएफ के जवानों ने भी दिया। हालांकि इस गोलीबारी में एक जवान घायल भी हो गया है। वहीं बीएसएफ के जवाबी एक्शन में पाकिस्तान को कितना नुकसान हुआ इसकी जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। बता दें कि इससे पहले राजोरी जिले के नौशेरा सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की साजिश को नाकाम करते हुए सेना ने दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया। इनके पास भारी मात्रा में हथियार भी बमराद हुआ था। इसी बौखलाकर पाकिस्तान ने फायरिंग की होगी।

खास बात यह है कि सीजफायर का ताजा उल्लंघन जम्मू-कश्मीर में 18 सितंबर को होने वाली पहले फेज की वोटिंग के 7 दिन पहले हुआ है। इसके चलते बीएसएफ के जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं दूसरे चरण में राजोरी जिले में होने वाले चुनाव से पहले सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस, सेना तथा सीआरपीएफ की ओर से लगातार गश्त के साथ ही विशेष नाके लगाकर चेकिंग की जा रही है। रोड मार्च निकालकर लोगों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की जा रही है कि बिना किसी डर भय के लोग मतदान के लिए आगे आएं। एसएसपी रणदीप कुमार के अनुसार जंगल क्षेत्र में सेना तथा पैराट्रूपर की मदद ली जा रही है। यहां पर यह भी बता दें कि 25 फरवरी 2021 को भारत-पाक के बीच सीजफायर समझौता रिन्यू हुआ था। इसके बाद पाकिस्तान 4 बार इसका उल्लंघन कर चुका है। आखिरी बार 14 फरवरी 2024 को जम्मू के मकवाल में फायरिंग हुई थी। हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ था।

पहाड़ी इलाकों में घात लगाकर हो चुके हैं कई हमले
जम्मू-कश्मीर में चुनाव करीब आते ही पाकिस्तान की ओर से घुसपैठ की साजिशें तेज की गई हैं। पहले चरण में डोडा, किश्तवाड़ व रामबन की आठ तथा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम व शोपियां की 16 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान है। जम्मू संभाग के राजोरी, पुंछ, डोडा, कठुआ, रियासी व उधमपुर में पिछले दो महीने में कई हमले हो चुके हैं। इलाके में 40 से 50 आतंकियों की मौजूदगी की सूचना पर सेना ने 4000 प्रशिक्षित जवानों को इलाके में उतारा है, जो घने जंगलों में दुश्मनों का सफाया करने में पारंगत हैं। आतंकियों की ओर से हमले के बाद जंगलों में भाग निकलने की रणनीति पर सुरक्षाबलों की खास नजर है। सेना व सीआरपीएफ की मदद के लिए वीडीजी को भी अत्याधुनिक हथियारों से लैस कर लगाया गया है ताकि आतंकियों के भाग निकलने की रणनीति पर अंकुश लग सके।

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