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नागालैंड हिंसा पर बड़ा खुलासा: पिकअप ट्रक में फायरिंग से पहले सेना ने नागरिकों को पहचानने नहीं की कोशिश

कोहिमा। नागालैंड (Nagaland) में ओटिंग के मोन जिले में पिछले दिनों सेना द्वारा की फायरिंग में 6 लोगों की मौत (6 killed in firing) गई थी, जिसके बाद से सियासी घमासान मचा हुआ है। इस बीच एक रिपोर्ट सामने आई है। राज्य के पुलिस महानिदेशक टी जॉन लोंगकुमेर (Director General of Police T John Longkumer) और आयुक्त रोविलातुओ (Commissioner Rovilatuo) ने रिपोर्ट को आधार बनाकर बताया है कि पिकअप ट्रक (pickup truck) पर गोलीबारी करने से पहले सेना के जवानों ने लोगों की पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की थी। रिपोर्ट (Report) में यह दावा किया गया है कि जवानों ने शवों को छिपाने के इरादे से पिकअप को ढक भी दिया था।

रिपोर्ट में कहा गया कि शवों को तिरपाल में लिपटा (dead bodies wrapped in tarpaulin) देख गांववालों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प (violent clash) हो गई। गुस्साए लोगों ने सुरक्षा बलों के तीन वाहनों में आग लगा दी। उन्होंने कहा, ‘हंगामे में, सुरक्षा बलों ने फिर गांववालों पर गोलियां चलाईं, जिससे सात और ग्रामीण मारे गए। चश्मदीदों ने पुष्टि की है कि विशेष बलों के जवानों ने घटनास्थल से असम की ओर भागते हुए अंधाधुंध गोलियां चलाईं और यहां तक कि रास्ते में कोयला खदान की झोपड़ियों पर भी उन्होंने गोलीबारी की।’

अधिकारियों ने बताया कि सभी ग्रामीण निहत्थे थे और कोयले की खान में काम करते थे। उनमें से छह की मौत मौके पर ही हो गई थी और दो गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अधिकारियों ने रिपोर्ट में बताया कि गोलियां की आवाज सुन कर ग्रामीण मौक पर पहुंचे। ”घटनास्थाल पर पहुंचने पर, उन्होंने एक पिकअप ट्रक देखा और विशेष बल के कर्मी छह शवों को लपेटकर उन्हें ट्रक (टाटा मोबाइल) में चढ़ा रहे थे, वे जाहिरा तौर पर शवों को उनके आधार शिविर ले जाने के इरादे से ऐसा कर रहे थे।’





राज्य सरकार को रविवार को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया, ‘चार दिसंबर को शाम चार बजकर 10 मिनट के आसपास, आठ ग्रामीण तिरु स्थित कोयले की एक खान से पिकअप ट्रक में घर लौट रहे थे, उन पर आचनक ही सुरक्षा बलों (कथित तौर पर, असम में स्थित 21 वीं पैरा स्पेशल फोर्स) ने घात लगाकर हमला किया और उनकी हत्या की। वस्तुत: उनकी पहचान करने की कोई कोशिश नहीं की गई थी।’

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने सोमवार को संसद में इस घटना को ‘गलत पहचान का मामला’बताया था। उन्होंने कहा था, ‘भारत सरकार नगालैंड की घटना पर अत्यंत खेद प्रकट करती है और मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करती है।’ नगालैंड में शनिवार को हुई गोलीबारी में 14 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। गौरतलब है कि सेना के जवानों ने शनिवार शाम को एक पिकअप वैन में घर लौट रहे कोयला खदान कर्मियों को कथित तौर पर प्रतिबंधित संगठन एनएससीएन (के) के युंग आंग गुट से संबंधित उग्रवादी समझ लिया था और गोलियां चला दी थी।

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