बहुत कुछ कहते हैं कर्नाटक में चल रहे ये घटनाक्रम

नजरिया: कर्नाटक (Karnataka) में मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) को हटाने की अटकलों के बीच राज्य के लिए भाजपा के प्रभारी राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह (Arun Singh) ने नेताओं और विधायकों से अलग-अलग मुलाकात करना शुरू कर दिया है।बुधवार शाम को बेंगलुरु पहुंचे सिंह ने येदियुरप्पा और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील (Nalin Kumar Katil_ के साथ मंत्रियों से पहले ही मुलाकात कर ली।
सूत्रों ने बताया कि पहले विधायकों, सांसदों और नेताओं के साथ व्यक्तिगत तौर पर मुलाकात शहर के कुमारकृपा गेस्ट हाउस में होनी थी लेकिन अंतिम क्षण में इसका स्थान बदलकर राज्य के भाजपा कार्यालय जगन्नाथ भवन (Jagannath Bhavan, Head Quarter of BJP in Karnataka) में कर दिया गया। बातचीत की ‘‘गोपनीयता’’ बनाए रखने और कोविड-19 (Covid-19) स्थिति के मद्देनजर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं के एकत्रित होने से बचने के लिए ऐसा किया गया। कतील भी बैठक में मौजूद रहे।
सिंह के विधायकों तथा नेताओं से अलग-अलग मुलाकात करने पर भी येदियुरप्पा के समर्थन वाले खेमे में गतिविधियां बढ़ गयी। सूत्रों ने बताया कि एकजुटता का प्रदर्शन करने के लिए बासवराज एस बोम्मई, जे सी मधुस्वामी और एस अंगारा समेत कई नेता तथा विधायक मुख्यमंत्री के आवास पहुंचे जबकि 10 से 15 विधायकों ने येदियुरप्पा के राजनीतिक सचिव एम पी रेणुकाचार्य (MP Renukacharya) के आवास पर सुबह के नाश्ते पर मुलाकात की।
हुब्बली-धारवाड़ से विधायक अरविंद बेल्लाद, विधायक बासनगौड़ा पाटिल यतनाल और अन्य ने गत शाम अपनी रणनीति पर चर्चा की। ऐसा बताया जाता है कि ये विधायक येदियुरप्पा के विरोधी गुट में हैं। बताया जाता है कि पर्यटन मंत्री सी पी योगेश्वर भी उनके संपर्क में हैं। ‘‘निष्पक्ष’’ होने और पार्टी के फैसले का पालन करने का दावा करने वाले विधायकों के एक अन्य गुट के अलग-अलग मुलाकात करने के अवसर का इस्तेमाल सरकार और पार्टी के कामकाज पर अपनी चिंताएं व्यक्ति करने के लिए कर सकते हैं।
रेणुकाचार्य के आवास पर मुलाकात करने वाले विधायकों ने नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता पर सवाल उठाया और यह कहा कि येदियुरप्पा अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। उन्होंने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जो इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं और भ्रम पैदा कर रहे हैं। रेणुकाचार्य ने अपने आवास पर सुबह के नाश्ते के लिए येदियुरप्पा के समर्थन वाले बड़ी संख्या में विधायकों को आमंत्रित किया था और इसके बाद एक साथ जाने और सिंह के समक्ष अपनी बात रखने की योजना बनायी थी लेकिन उन्हें अपना इरादा बदलना पड़ा क्योंकि नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि महासचिव केवल अलग-अलग मिलेंगे और समूहों में मुलाकात नहीं करेंगे।
होन्नाली से विधायक ने कहा कि उन्होंने यहां अपने आधिकारिक आवास पर ग्रामीण इलाकों के विधायकों के लिए सुबह के नाश्ते का आयोजन किया था क्योंकि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के कारण होटल खुले नहीं थे लेकिन मुख्यमंत्री ने बीती रात उन्हें फोन करके ऐसा न करने के लिए कहा क्योंकि इससे गलत संदेश जाएगा। रेणुकाचार्य ने कहा, ‘‘हम में से केवल दस से 15 लोग नाश्ते पर मिले। सभी विधायक येदियुरप्पा के साथ हैं, केवल एक या दो लोग मुख्यमंत्री बनने के खुली आंख से सपने देख रहे हैं और उन्होंने भ्रम पैदा करने के लिए ‘सूट-बूट’ बनवा लिया है। मैं यह पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने अपने दम पर जीत हासिल की है। नहीं, वे येदियुरप्पा की वजह से जीते हैं।’’
येदियुरप्पा को पार्टी का कद्दावर और अविवादित नेता बताते और उनके नेतृत्व पर सवाल खड़ने वालों की ‘‘नैतिकता’’ पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जो पार्टी को शर्मिंदा कर रहे हैं और ‘‘बगावती गतिविधियों’’ में शामिल हैं और आगाह किया कि अगर इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो इसका आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और विधानसभा चुनावों में पार्टी पर असर पड़ेगा।
एक अन्य भाजपा विधायक मंडल वीरुपक्षप्पा (Mandal Virupakshppa) ने कहा कि जब मुख्यमंत्री प्रभावी रूप से काम कर रहे हैं तो नेतृत्व परिवर्तन की क्या जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘येदियुरप्पा बाकी के दो साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे और अगले चुनावों में पार्टी का नेतृत्व करेंगे। पार्टी को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो बागी गतिविधियों में शामिल हैं।’’ एक अन्य विधायक एम पी कुमारस्वामी ने भी नेतृत्व परिवर्तन की आवश्यकता पर सवाल खड़े किए।
इस बीच, सरकार और मुख्यमंत्री के कामकाज के खिलाफ बयान देकर सरकार की फजीहत करने वाले पार्षद ए एच विश्वनाथ ने सिंह से मुलाकात के बाद कहा कि अन्य पार्टियों की तरह ‘‘पारिवारिक राजनीति’’ भाजपा में भी देखी गयी और उन्होंने सलाह दी कि येदियुरप्पा ‘‘मार्गदर्शक’’ बनें और दूसरे लोगों के लिए रास्ता साफ करें। येदियुरप्पा के इस बयान पर कि वह तब तक मुख्यमंत्री रहेंगे जब तक पार्टी नेतृत्व चाहेगा और पार्टी में वैकल्पिक नेतृत्व मौजूद है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘येदियुरप्पा को मार्गदर्शक बनना चाहिए और उनके स्थान पर ‘पंचमसाली वीरशिव’ समुदाय के नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहिए।’’
सिंह शुक्रवार को होने वाली प्रदेश भाजपा की कोर समिति की बैठक में भाग लेंगे। पिछले कुछ दिनों से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि सत्तारूढ़ भाजपा में एक धड़ा येदियुरप्पा को हटाने की कोशिश कर रहा है। सिंह ने मुख्यमंत्री को हटाने से इनकार कर दिया और कहा कि लिंगायत समुदाय (Lingayat Community) के 78 वर्षीय नेता शीर्ष पद पर बने रहेंगे। बुधवार को यहां पहुंचने पर सिंह ने विधायकों और नेताओं से मीडिया में ऐसा कोई बयान न देने को कहा जो पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश भाजपा एकजुट है और उन्होंने येदियुरप्पा के नेतृत्व की प्रशंसा की थी।