नई दिल्ली। तीन नए आपराधिक कानून देशभर में एक जुलाई से लागू हो गए हैं। अब इन्हीं कानूनों के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इन सबके बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने सोमवार को नए आपराधिक कानूनों में राज्य की दृष्टि से विशेष संशोधन की सिफारिश के लिए समिति गठित करने का आदेश दे दिया है। उन्होंने उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की एकल समिति गठित करने का आदेश दिया है। स्टालिन के इस कदम की पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सराहना की है।
पूर्व वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया साइड एक्स पर कहा, ‘मैं इस साल एक जुलाई को लागू हुए तीन आपराधिक कानूनों में राज्य संशोधनों का सुझाव देने के लिए एक समिति नियुक्त करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘आपराधिक कानून संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और राज्य विधानमंडल नए कानून में संशोधन करने में सक्षम है।’ चिदंबरम ने कहा, ‘मैं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के. सत्यनारायणन की एक सदस्यीय समिति के रूप में नियुक्ति का भी स्वागत करता हूं। मैं समिति से न्यायाधीशों, वकीलों, पुलिस, कानून शिक्षकों, विद्वानों और मानवाधिकार कार्यकतार्ओं सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श करने का अनुरोध करता हूं।’
बता दें कि स्टालिन ने केंद्रीय कानूनों में राज्य के संशोधनों पर विचार-विमर्श के लिए राज्य सचिवालय में एक उच्च-स्तरीय परामर्शदात्री बैठक की अध्यक्षता करने के बाद अधिकारियों को मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम सत्यनारायणन की एकल समिति गठित करने का निर्देश दिया था। विज्ञप्ति में कहा गया था, यह समिति नए कानूनों की स्पष्ट रूप से जांच करेगी, राज्य स्तर पर अधिवक्ताओं सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श करेगी और एक महीने के भीतर राज्य सरकार को एक रिपोर्ट (राज्य-स्तरीय संशोधनों पर) सौंपेगी।