कोरोना महामारी का सामना समानता और निष्पक्षता से हो, नहीं तो आते रहेंगे नए वैरिएंट: यूएन प्रमुख की चेतावनी
नई दिल्ली। कोरोना महामारी (corona pandemic) का सामना समानता और निष्पक्षता के साथ किया जाना चाहिए। जब तक हम दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण (vaccination of every person) करने में विफल रहेंगे, कोरोना के नए वैरिएंट (new variants of corona)आते रहेंगे। ये वैरिएंट लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्थाओं (economies) को ठप करते रहेंगे। यह चेतावनी संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतेरस (UN Secretary-General Antonio Guterres) ने विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) की 2022 की बैठक के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कही। इस दोरान उन्होंने विश्व के नेताओं से 2022 को सुधार का सही अवसर बनाने का भी आह्वान किया।
विश्व आर्थिक मंच की यह बैठक कोरोना के नए ओमिक्रॉन वैरिएंट (new omicron variants of corona) को लेकर हुई। इसके कारण दुनियाभर के लोगों, अर्थव्यवस्थाओं व इस ग्रह को मुश्किल दौर का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में गुतेरस ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय समुदाय (International community), खासकर वैश्विक कारोबारियों (global traders) से आग्रह किया कि हमें रिकवरी व आर्थिक सुधार के लिए सभी के सहयोग की जरूरत है। गुतेरस ने जोर देकर कहा कि कोविड महामारी से मुकाबला समानता व निष्पक्षता से किया जाए। यह महामारी पूरी दुनिया में बीते दो सालों से सिर उठाए हुए है और इससे 30.40 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 54 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि कोरोना का नवीनतम वैरिएंट ओमिक्रॉन धीमी गति से पूरी दुनिया में फैल रहा है और संक्रमण दर बढ़ा रहा है। इससे देशों के स्वास्थ्य तंत्र पर बोझ बढ़ता जा रहा है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के पिछले साल के अंत तक सभी देशों के 40 फीसदी लोगों को और इस साल के मध्य तक 70 फीसदी लोगों को टीका लगाने के लक्ष्य के आसपास भी हम नहीं पहुंच सके हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों में एक साधारण लेकिन कटु सत्य का प्रदर्शन किया है कि यदि हम किसी को पीछे छोड़ते हैं तो हम सभी को पीछे छोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि हमने वर्ष 2022 को सुधार का असली वर्ष बनाने के लिए महामारी से मुकाबले के लिए मिलकर खड़े होने का आह्वान किया है।
बैठक के दौरान यूएन महासचिव भड़क भी गए। उन्होंने भड़कते हुए कहा कि यह शर्मनाक है कि उच्च आय वाले देशों में टीकाकरण की दरें अफ्रीकी देशों (African countries) की तुलना में सात गुना ज्यादा हैं। उन्होंने साफ कहा कि यदि हम प्रत्येक व्यक्ति का टीकाकरण करने में विफल रहे तो नए-नए वैरिएंट आते रहेंगे और लोगों का दैनिक जीवन व अर्थव्यवस्थाओं को ठप करते रहेंगे।