धर्म

आज है नंदा सप्तमी, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त

आज मार्गशीर्ष के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है।सनातन धर्म में सप्तमी तिथि का संबंध भगवान सूर्य से माना जाता है। इस दिन को सूर्या सप्तमी या नंदा सप्तमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान सूर्य के साथा, भगवान गणेश और मां नंदा के रूप में पार्वती माता का पूजन किया जाता है। इस बार अभिजित और विजय मुहूर्त में नंदा सप्तमी का पूजन करना अतिलाभदायी रहेगा, क्योंकि ये दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। नंदा सप्तमी के दिन देवी नंदा (Nanda Devi) की पूजा की जाती है। ऐसा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। कहा जाता है कि अगहन मास में श्रीमद भागवत ग्रन्थ को सुनने मात्र से विशेष कृपा होती है। आइए जानते हैं नंदा सप्तमी की तिथि एवं पूजा मुहूर्त आदि के बारे में।

10 दिसंबर 2022- आज का पंचांग
आज की तिथि – मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी
आज का नक्षत्र – शतभिषा
आज का करण – गर
आज का पक्ष – शुक्ल
आज का योग – हर्षन
आज का वार – शुक्रवार
नंदा सप्तमी का शुभ मुहूर्त
तिथि का समापन-
10 दिसंबर दिन शुक्रवार को शाम 07 बजकर 09 मिनट पर होगा। (ऐसे में नंदा सप्तमी 10 दिसंबर को मनाई जाएगी)।
नंदा सप्तमी के दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है।
विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 39 मिनट तक है। ( दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं)।
इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक है. (इस अवधि में पूजा न करें).

शुभ समय
नंदा सप्तमी के दिन अभिजित मुहूर्त दिन में 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक है। इस दिन विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से दोपहर 02 बजकर 39 मिनट तक है। ये दोनों ही मुहूर्त कार्यों के लिए शुभ माने जाते हैं। इस दिन राहुकाल दिन में 10 बजकर 56 मिनट से दोपहर 12 बजकर 14 मिनट तक है। इस अवधि में पूजा न करें।

नंदा देवी की पूजा
नंदा सप्तमी के दिन नंदा देवी की पूजा की जाती है। नंदा देवी को माता पार्वती का स्वरुप माना जाता है। हिमालय क्षेत्र में प्राचीन काल से ही नंदा देवी की पूजा की जाती रही है। नंदा देवी को नवदुर्गा में से एक माना जाता है। नंदा सप्तमी के अवसर पर आप माता पार्वती के आशीष प्राप्त करके सुखी जीवन की कामना कर सकते हैं। आज के दिन आप सूर्य देव को जल अर्पित कर उनके मंत्र जाप कर सकते हैं और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करें।

नंदा देवी की पूजा
सप्तमी पर तांबे के लोटे में जल, चावल और लाल फूल डालकर उगते हुए सूरज को जल चढ़ाएं.
जल चढ़ाते वक्त ऊँ घृणि सूर्याय नम: मंत्र बोलते हुए शक्ति, बुद्धि और अच्छी सेहत की कामना करें.
जल चढ़ाने के बाद धूप और दीप से सूर्य देव की पूजा करें.
इस तिथि पर तांबे का बर्तन, पीले या लाल कपड़े, गेहूं, गुड़, माणिक्य, लाल चंदन का दान करें। इस दिन व्रत करें.
एक समय फलाहार कर सकते हैं, लेकिन दिनभर नमक न खाएं।

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