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धरती पर बदलाव का अध्ययन करने नासा और इसरो का ये है खास मिशन

वाशिंगटन। जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों का अध्ययन करने के लिए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) एक नया अर्थ सिस्टम ऑब्जर्वेटरी डिजाइन करेगा और इस मिशन में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) मुख्य भागीदार होगा।

नासा ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति में कहा, नासा जलवायु परिवर्तन, आपदाओं और जंगल की आग से निपटने एवं कृषि संबंधी सुधार के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने के लिए पृथ्वी-केंद्रित मिशनों का एक नया सेट डिजाइन करेगा। अर्थ सिस्टम ऑब्जर्वेटरी के साथ के प्रत्येक उपग्रह को विशिष्ट रूप से डिजाइन किया जाएगा और ये एक दूसरे का साथ देंगे।

नासा ने कहा, इस मिशन में नासा की इसरो के साथ साझेदारी है। इस मिशन से पृथ्वी की सतह में आधे इंच से भी कम परिवर्तन को मापा जा सकेगा। इस क्षमता का उपयोग निसार (​NASA-ISRO Synthetic Aperture Radar) मिशन में किया जाएगा
नासा वर्तमान में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के साथ मिलकर संयुक्त रूप से निसार विकसित करने का कार्य कर रहा है। इसका उद्देश्य संयुक्त रूप से पृथ्वी का अवलोकन करना है।

निसार को विकसित करने का लक्ष्य पृथ्वी की सतह पर होने वाले सूक्ष्म परिवर्तनों की निगरानी करना, ज्वालामुखी विस्फोटक के बारे में चेतावनी देना, भूजल आपूर्ति की निगरानी में मदद करना, बर्फ की चादरों के पिघलने की दर की निगरानी करना है।

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