नई दिल्ली। हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती जारी है। रुझानों में सबसे बड़ा उलटफेर हरियाणा में देखने को मिल रहा है। सुबह 9 बजे तक जहां कांग्रेस सरकार बनाती दिख रही थी। लेकिन कुछ मिनटों में ही पूरी कहानी बदल गई। कांग्रेस बहुत से काफी नीचे आ गई है। वहीं भाजपा ने बड़ा उलटफेर करते हुए हरियाणा में हैट्रिक लगाने की ओर अग्रसर हो गई है। अब तक रुझानों की मानें तो भाजपा ने बहुमत का आंकड़ा भी पार लिया है। हालांकि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस गठबंधन बहुमत के आंकड़े के करीब है। अगर बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो यहां पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनना लगभग तय हो गया है। यहां भी बीजेपी पिछड़ती दिख रही है।
बता दें कि हरियाणा में बीजेपी पिछले 10 साल से सत्ता में है। उसे तीसरी बार जीत की उम्मीद थी और ऐसा होता दिखाई भी दे रहा है। रुझानों में भाजपा 49 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं, जो बहुमत से तीन सीट ज्यादा है। दरअसल, हरियाणा के रुझानों में सुबह 8 बजे से 9:40 बजे तक कांग्रेस ही आगे थी। सौ मिनट में ही बाजी पलटती दिखी। रुझानों में भाजपा आगे हो गई। सुबह 10:10 बजे चुनाव आयोग के रुझानों में भी भाजपा को बहुमत मिल गया। आयोग के आंकड़ों में भाजपा 46 सीटों पर आगे हो गई, वहीं कांग्रेस 33 सीटों पर आगे थी।
मतदान केंद्रों से आ रही जानकारी के मुताबिक, कई सीटें अभी ऐसी हैं, जहां मतगणना में भाजपा-कांग्रेस के बीच महज एक हजार वोटों का फर्क है। हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्तूबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था। हरियाणा में 65% से ज्यादा हुई थी वोटिंग हरियाणा में 5 अक्टूबर को एक ही चरण में वोट डाले गए थे। इस बार हरियाणा चुनाव में 67.9% वोटिंग हुई। ऐलनाबाद में सबसे ज्यादा 80.61% और बड़खल में सबसे कम 48.27% मतदान हुआ है। जबकि, लोकसभा चुनाव में 64.8% वोट पड़े थे।
जबकि जम्मू-कश्मीर में शुरूआती रुझान बता रहे हैं कि बीजेपी को यहां पर बड़ा झटका लग रहा है। जबकि 2014 में आखिरी बार चुनाव हुए थे तब भी बीजेपी ने पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी। इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस इस चुनाव में गठबंधन करके लड़ रहे हैं, जबकि बीजेपी अकेले चुनाव लड़ रही है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों पर तीन फेज में वोटिंग हुई थी। यहां पहले चरण के तहत 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण के तहत 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। तीनों फेज में कुल मिलाकर 63.45 फीसदी वोटिंग हुई थी। इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा, जबकि महबूबा मुफ्ती की पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी (इखढ) अपने दम पर अकेले ताल ठोक रहे हैं।