देश में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर चिंतित राहुल, बोले- भारत में हालात उससे भी बदतर

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर देश में लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर चिंता व्यक्त की है। कुछ विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में लोकतांत्रिक स्थिति की आलोचना की गई है, जिसपर राहुल गांधी का कहना है कि भारत में हालात उससे भी बदतर हैं, जितना वो अंदाजा लगा रहे हैं।
अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष से एक चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि हमें किसी दूसरे देश की संस्था से लोकतंत्र को लेकर सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। लेकिन, उन्होंने जो टिप्पणी की है वो बिल्कुल सही है। भारत में इस वक्त हालात उससे भी बदतर हैं, जितना उन्होंने सोचा है। बता दें कि बीते दिनों फ्रीडम हाउस और अन्य एक संस्था ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत में अभिव्यक्ति की आजादी खतरे में है, साथ ही भारत अब पार्टली फ्री है। भारत सरकार ने इस तरह की रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया था।
राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव सिर्फ वोट डालकर किसी को जिताना नहीं होता है। इससे सभी संस्थानों के प्रति एक नैरेटिव तैयार होता है, जिससे देश सही तरीके से चल सके। राहुल ने कहा कि सद्दाम हुसैन और गद्दाफी जैसे लोग भी चुनाव कराते थे और जीत जाते थे, लेकिन तब ऐसा कोई फ्रेमवर्क नहीं था जो उन्हें मिले वोट की रक्षा कर सके।
कांग्रेस में उठ रही अलग-अलग आवाजों पर राहुल गांधी बोले कि मैं कांग्रेस पार्टी के अंदर उसकी विचारधारा की लड़ाई लड़ रहा हूं और मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा। राहुल ने कहा कि आरएसएस और उसकी नीतियों के खिलाफ मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
राहुल गांधी ने कहा कि करीब तीस साल से मेरे परिवार को कोई व्यक्ति सत्ता में नहीं है, फिर भी ऐसा माहौल बनाया जाता है कि सत्ता हमारे पास ही है। मेरा कांग्रेस में एक रोल है, मैं अपने रोल से हटूंगा नहीं है। राहुल ने कहा कि वह पार्टी के अंदर भी लोकतंत्र लाना चाहते हैं और शुरूआत से ही चुनाव के पक्षधर रहे हैं।
गौरतलब है कि राहुल गांधी इससे पहले भी कई मौकों पर इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि भारत में लोकतंत्र खतरे में है। जिसको लेकर भारत सरकार और भारतीय जनता पार्टी हर बार राहुल गांधी पर पलटवार करती आई है और उनपर देश की छवि धूमिल करने का आरोप लगाती आई है।