देश में कोरोना: वैक्सीनेशन की बढ़ानी होगी रफ्तार, नहीं तो 70% आबादी को डोज देने में लग जाएंगे सालों

नई दिल्ली। मार्च महीने के पहले 17 दिनों में 1,87,55,540 लोगों को कोरोना की पहली डोज दी गई है। अगर इसी तरह चलता रहा तो भारत की 70 प्रतिशत आबादी को टीका लगवाने में 2.36 साल लग जाएंगे। दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा आबादी वाला देश भारत में 18 मार्च 2021 तक 3.06 करोड़ लोगों को पहला डोज दिया गया है। हालांकि भारत की कुल आबादी (135.5 करोड़) का यह मात्र 2.3 प्रतिशत ही है। जबकि दोनों डोज लेने वाले लोगों का कुल प्रतिशत महज 0.5 प्रतिशत है। अगर इसी रफ्तार से टीकाकरण होता रहा तो 70 प्रतिशत आबादी को वैक्सीनेशन कराने में 10.8 साल लग जाएंगे।
स्वास्थ मंत्रालय के मुताबिक 17 मार्च तक भारत में 1,87,55,540 लोगों को कोरोना के टीके की पहली डोज दी गई है। इस आंकड़े के मुताबिक प्रत्येक दिन 11,03,267.1 लोगों को टीके का पहला डोज दिया जा रहा है। इस रेट से भारत को 70 प्रतिशत आबादी के वैक्सीनेशन में 2.36 साल लग जाएंगे और पूरी आबादी के टीकाकरण में 3.4 साल लगेंगे।
हालांकि कोरोना टीके की दूसरी डोज में तेजी दिखाई दे रही है। मार्च महीने के पहले 17 दिनों में 40,86,218 लोगों को टीका दिया गया है। यानि कि प्रत्येक दिन का औसत निकाला जाए तो रोजाना 2,40,365.8 डोज दिए गए हैं। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में अगर तेजी नहीं लाई गई तो भारत की 70 प्रतिशत आबादी को दोनों डोज देने में 10.8 साल लग जाएंगे और पूरी आबादी कवर करने में 15.4 साल लगेंगे।
एक मार्च को 1,18,45,217 लोगों ने पहला डोज लिया, जबकि 24,56,250 लोगों ने दूसरा डोज। 12 मार्च तक की बात करें तो 3,06,00,787 लोगों ने पहला डोज लिया जबकि 65,42,468 लोगों ने दूसरा डोज। पिछले 17 दिनों में 1,87,55,540 लोगों ने कोरोना टीके के पहला डोज लिया। जबकि 40,86,218 लोगों ने दूसरा डोज लिया। प्रत्येक दिन का औसत निकाला जाए तो 11,03,267.1 लोगों ने पहला डोज लिया जबकि 2,40,365.8 लोगों ने दूसरा डोज लिया।