मध्यप्रदेश

रीवा का मामला: दुष्कर्मी महंत की निकली हेकड़ी, ठिकानों पर बुलडोजर चलाकर पुलिस ने निकाला जुलूस

रीवा। रीवा के सरकारी सर्किट हाउस में नाबालिग युवती से दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किए गए कथित बाबा महंत सीताराम दास के घर को गुरुवार को तोड़ दिया गया। सीताराम दास के सहयोगी विनोद पांडे के घर को भी प्रशासन ने जेसीबी मशीन से जमींदोज कर दिया। महंत सीताराम की पुलिस ने सारी हेकड़ी ने निकाल दी। पुलिस ने सिविल लाइन थाना लेकर जिला न्यायालय तक जुलूस निकाला। पुलिस सभी आरोपियों की संपत्ति खंगाल रही है ताकि इसे जमींदोज किया जा सके। मामले में दो आरोपी फरार हैं।

नाबालिग से राज निवास में 28 मार्च को बलात्कार करने के बाद महंत भागकर इसी भवन में छिपा था और सुबह सिगंरौली भाग कर पहुंच गया था। 30 मार्च को पुलिस ने महंत को बस स्टैंड बैढन से गिरफ्तार कर लिया था। 31 तारीख को सीताराम का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। सिविल लाइन पुलिस सीताराम को जेल भेजने पहले ने कोर्ट में पेश करने ले गई।

प्रशासन कार्रवाई के दौरान 500 मीटर में जैमर लगाया था ताकि किसी को कानो-कान खबर तक नहीं लग सके। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा था कि- बेटी के साथ अगर किसी ने दुराचार किया, तो उसे कुचल दिया जाएगा। उन्होंने कहा- कहां हैं कलेक्टर और एसपी। ये बुलडोजर कब काम आएंगे। करो इनको जमींदोज। तोड़ दो गुंडों को, बदमाशों को। जो बहन और बेटी पर गलत नजर उठाकर देखते हैं।

बता दें कि रीवा शहर के सरकारी सर्किट हाउस में महंत सहित चार लोगों पर नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया है। महंत सीताराम व विनोद पाण्डेय को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। बताया जा रहा है कि घटना 28 मार्च की शाम की है जब आरोपी एनेक्सी भवन रूम नंबर 4 में ठहरा हुआ था। पुलिस के मुताबिक महंत समर्थ त्रिपाठी उर्फ सीताराम महाराज कथावाचक है। वह वेदांती महाराज का शिष्य बताया जा रहा है।

रीवा में वेदांती महाराज की हनुमान कथा का आयोजन होने वाला है। उसकी तैयारियों के लिए ही वह रीवा में था। सीताराम महाराज के करीबी विनोद पांडेय ने 15 वर्षीय किशोरी को सतना से बुलवाया था। युवती से थोड़ी देर तक बात करने बाद महंत के चेलों ने दरवाजा बाहर से बंद कर दिया। महंत ने कमरे की लाइट बंद कर दी थी। किशोरी नहीं मानी तो महंत ने कथित तौर पर उसका मुंह दबाकर दुष्कर्म किया। किशोरी के फोन से ही विनोद को बुलाया और उसे बाहर छोड़ दिया। जैसे ही उसने नाबालिग को उतारा वहां उसके परिचित दिखे और वह दौड़कर उनके पास गई। वहां से नाबालिग को पुलिस के पास ले गए और महिला पुलिस अधिकारी को उसने आपबीती सनाई।

पुलिस की गाड़ी खराब होने से निकाला पैदल मार्च
पुलिस की गाड़ी खराब थी लिहाजा सीताराम को थाने से कोर्ट तक पैदल मार्च करा दिया। महंत सीताराम तपती धूप में पैदल चल रहा था। चेहरे पर नकाब था पर उसके पैरों में ना तो जूते थे और ना ही चप्पल। मुख्य आरोपी सीताराम के साथ हिस्ट्रीशीटर विनोद पाण्डेय भी था। पुलिस के सुरक्षा पहरे पर दोनों आरोपी कोर्ट में पहुंचाये गए। यहां पहुंचते ही अधिवक्ताओं ने मुदार्बाद के नारे लगाए और फांसी देने की मांग की। पुलिस कस्टडी में महंत को देखने के लिए कोर्ट में भारी हुजूम उमड़ पड़ा और लोग गन्दी गालियां दे रहे थे। पुलिस को अधिवक्ताओं को समझने में काफी मशक्क्त करनी पड़ी।

पॉस्को एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने सबसे पहले विनोद पांडे को गिरफ्तार किया था। फरार चल रहे आरोपी बाबा सीताराम दास उर्फ समर्थ त्रिपाठी को 30 मार्च को सिंगरौली से पकड़ा गया था। रीवा और सिंगरौली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में उसे बस स्टैंड के पास नाई की दुकान से गिरफ्तार किया गया था।

कौन है सीताराम महाराज
समदड़िया मॉल के उद्घाटन पर पूर्व सांसद रामविलास वेदांती महाराज की कथा है। उनका शिष्य सीताराम दास ही तैयारी के लिए रीवा आया था। इस वजह से सीताराम को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा था। हाल में जिले के आला अधिकारी और राजनेताओं सहित कई बिल्डरों से भी सीताराम मिला था। सोशल मीडिया पर कुछ अंतरंग तस्वीरें भी वायरल हो गई हैं, जिन्हें सीताराम का बताया जा रहा है। तस्वीरों में सीताराम जैसा दिखने वाला शख्स लड़कियों के साथ है।

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