दमोह में जनजातीय सम्मेलन में राष्ट्रपति कोविंद ने कहा- जब तक कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा, तब तक विकास को मैं अधूरा कहूंगा

जबलपुर। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद रविवार 7 मार्च की सुबह 9.30 बजे डुमना एयरपोर्ट से वायुसेना के हेलीकॉप्टर द्वारा दमोह पहुंच गए। वे यहां विभिन्न आयोजन में शामिल होगे। दमोह में जनजातीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे राष्ट्रपति बोले, जब तक समाज के सबसे कमजोर वर्ग का विकास नहीं होगा तब तक विकास को मैं अधूरा कहूंगा।
राष्ट्रपति रानी दुर्गावती की पहली राजधानी रही सिंगौरगढ़ किलो के रेनोवेशन और 26 करोड़ की लागत से होने वाले विकास कार्यों की आधारशिला रखेंगे। इसी दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ केंद्रीय पर्यटन एवं सांस्कृतिक राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल और इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते मौजूद रहेंगे।
प्रहलाद सिंह पटेल के मुताबिक महामहिम राष्ट्रपति दमोह जिले के सिंगौरगढ़ में रानी दुर्गावती की ऐतिहासिक धरोहर सिगौरगढ़ किला क्षेत्र में 6 करोड़ की राशि से भारतीय पुरातत्व विभाग के निर्माण कार्य और 20 करोड़ की राशि से अन्य मरम्मत व निर्माण कार्य का शुभारंभ करेंगे। इसी के साथ राष्ट्रपति पुरातत्व धरोहरों के संरक्षण की दृष्टि से जबलपुर में बने भारतीय पुरातत्व विभाग के नए सर्किल आॅफिस का भी शुभारंभ करेंगे। यहीं पर राष्ट्रपति जनजातीय सम्मेलन में भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री ने लगाया रुद्राक्ष का पौधा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर प्रवास के दूसरे दिन रविवार सुबह विश्राम भवन-क्रमांक दो में रुद्राक्ष का पौधा रोपकर हर दिन एक पौधा लगाने के अपने संकल्प को पूरा किया। मुख्यमंत्री चौहान ने यह संकल्प जीवन दायनी माँ नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक में लिया था। पौधारोपण के इस कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते एवं आयुष एवं जल संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर नानो कांवरे भी मौजूद थे। इस अवसर पर आयुष एवं जल संसाधन राज्य मंत्री कांवरे ने भी बेल का पौधा रोपा। कार्यक्रम में आशीष दुबे, अभिलाष पांडे, सुमित्रा वाल्मीक, जीएस ठाकुर, राजमणि बघेल, रंजीत पटेल, कमलेश अग्रवाल, जय सचदेव भी उपस्थित थे।
26 करोड़ की राशि से होगा सिंगौरगढ़ किले के आसपास का क्षेत्र का विकास
केंद्रीय मंत्री प्रहलाद के मुताबिक सिंगौरगढ़ किला व उसके आसपास के क्षेत्र के विकास की दृष्टि से 26 करोड़ की राशि से विकास कार्य कराए जाएंगे। इसमें दलपतशाह की समाधि, मंदिर स्थान, सिंगौरगढ़ का किला, फीडरलेक आफ निरान वाटरफाल, प्रवेश द्वार, निदान फाल, बैसा घाट विश्राम गृह, नजारा व्यू पाइंट, वलचर प्वाइंट व विजिटर फेसीलिटी जोन आदि के मरम्मत व सौंदर्यीकरण के विकास कार्य होंगे। आने वाले समय में यह क्षेत्र अपने पर्यटक स्थलों के रूप में अलग पहचान बना पाएगा।