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दमोह उपचुनाव का दंगल: भाजपा के राहुल के सामने कांग्रेस के अजय टंडन होंगे मैदान में, निगाहें मलैया की ओर

भोपाल। कांग्रेस दमोह उप चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राहुल लोधी के सामने जिला अध्यक्ष अजय टंडन को उतारेगी। इस चुनाव की तैयारियों को लेकर 19 मार्च को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ द्वारा बुलाई पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में टंडन के नाम पर सहमति बनी थी। ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ 25 मार्च को दमोह जाएंगे,उससे पहले टंडन का नाम घोषित कर दिया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि बैठक में टंडन के अलावा दो अन्य दावेदारों मनु मिश्रा और रतनचंद जैन के नाम पर भी चर्चा हुई थी। लेकिन बीजेपी के राहुल से मुकाबला करने टंडन को उतारने पर सहमति बनी। हालांकि उम्मीदवार का नाम हाईकमान ही घोषित करेगा।

इस बैठक में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति, विधायक संजय शर्मा, संजय यादव समेत पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। बीजेपी के राहुल लोधी वर्तमान में मध्य प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के अध्यक्ष भी हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त है। बावजूद इसके उन्हें जितनी चुनौती कांग्रेस के अजय टंडन से मिलेगी, उससे कहीं ज्यादा भितरघात से नुकसान होने की संभावना है। इसकी वजह दमोह से 7 बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री जयंत मलैया का विरोध है। हलांकि मलैया अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं, लेकिन उनके बेटे सिद्धार्थ पार्टी गाइडलाइन से हटकर बैठकें कर रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि मलैया की नाराजगी के चलते टंडन को फायदा मिलेगा। क्योंकि जब से राहुल ने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा है, मलैया ने उनके किसी भी कार्यक्रम में मंच सांझा नहीं किया है। ऐसे में सबसे बड़ा खतरा पूर्व वित्त मंत्री मलैया बने हैं। वे खुद पर्दे के पीछे हैं, लेकिन बेटे सिद्धार्थ को को आगे कर दिया है। अब यह देखना अभी बाकी है कि मलैया रहुल का खेल बिगाड़ेंगे या फिर टंडन को फायदा पहुंचाएंगे? बता दें कि दमोह सीट के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होगी। जबकि परिणाम 2 मई को घोषित होंगे। ऐसे में दोनों दलों के उम्मीवारों के लिए प्रचार करने का अब एक माह का समय भी नहीं बचा है। वर्ष 2018 में राहुल सिंह ने ही मलैया को शिकस्त दी थी।

क्या रामबाई की नाराजगी भी पड़ सकती है भारी
दमोह से लगे पथरिया से बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह परिहार के खिलाफ चल रही गिरफ्तारी कार्रवाई का असर भी इस चुनाव में देखने को मिल सकता है’ विधायक रामबाई सरकार से नाराज बताई जा रही है ’ सरकार की ओर से उन्हें मदद नहीं मिल रही है ’ अब देखना यह है कि राहुल लोधी अपना विजय अभियान जारी रखते हैं या फिर अजय टंडन इस बार मैदान मारने में सफल होते हैं’ 6 बार बीजेपी, 7 बार कांग्रेस को मिली यह सीट विधानसभा सीट के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि अब तक हुए 15 चुनाव में 6 बार बीजेपी के जयंत मलैया जीते हैं तो वहीं दूसरी ओर 7 बार कांग्रेस का उम्मीदवार और 2 बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। राहुल लोधी ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार रहे हैं जो पिछड़े वर्ग से होते हुए यहां जीत पाए हैं। इससे पहले कांग्रेस की ओर से बहुसंख्यक ब्राह्मण नेताओं ने जीत दर्ज की। इनमें प्रभुनारायण टंडन, चंद्र नारायण टंडन और मुकेश नायक के नाम प्रमुख हैं।

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