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अफगानिस्तान में अमेरिका की विफलता पर बरसे ट्रंप: कहा- यह पल शर्मिंदा करने वाला, हथियार वापस लाने भी की मांग

नई दिल्ली। अफगानिस्तान (Afghanistan) में दो दशक राज करने के बाद अमेरिकी सेना (us Army) अब अपने देश लौट गई है। लेकिन अमेरिका के इतिहास में कभी भी युद्ध से वापसी को इतनी बुरी तरह या अक्षमता से अंजाम नहीं ले जाया गया जैसा जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका ने अफगानिस्तान में किया है और बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) इसे अपनी बड़ी उपलब्धि मान रहा है। जबकि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Former US President Donald Trump) ने इसे शर्मिंदा करने वाला पल बताया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में अमेरिका के जितने भी हथियार रह गए हैं उनको तुरंत अमेरिका वापस लाया जाए।

पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के इतिहास (history of america) में कभी भी युद्ध को इतनी बुरी तरह या अक्षम तरीके से अंजाम तक नहीं पहुंचाया गया जितना कि अफगानिस्तान से बाइडेन प्रशासन ने वापसी की है। ट्रंप ने कहा कि तालिबान (Taliban) की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी के साथ अमेरिकी युद्ध का अंत हो गया, जिसे 9/11 के हमलों के कुछ हफ्तों बाद शुरू किया गया था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अगर हमारे हथियार (Weapon) वापस नहीं लौटाए जाते हैं, तो हमें सैन्य बल के साथ धावा बोलना चाहिए और उन्हें वापस ले लेना चाहिए। वरना कम से कम उन सभी को बम से उड़ा देना चाहिए, किसी ने नहीं सोचा था कि इतनी मूर्खतापूर्ण तरीके से हम वहां से वापस लौटेंगे।

ट्रंप ने कहा कि सभी सैन्य उपकरणों को तुरंत अमेरिका लाना चाहिए। इन सभी सैन्य उपकरणों की कीमत कम से कम 85 बिलियन डॉलर है। उन्होंने आगे कहा कि अगर इसे वापस नहीं जाता तो अमेरिकी सेना को अंदर जाना चाहिए और इसे प्राप्त करना चाहिए। कम से कम बमों को वहां से बाहर निकालना चाहिए। ट्रंप ने बाइडेन पर हमला बोलते हुए कहा कि जो कुछ भी अफगानिस्तान में हुआ यह कमजोर दिमाग का परिणाम है।





निक्की हेली ने भी साधा निशाना
वहीं रिपब्लिकन नेता निक्की हेली (Republican leader Nikki Haley) ने भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के इस फैसले को शर्मनाक बताया। निक्की हेली ने कहा कि इस तरह अमेरिकी नागरिकों को छोड़कर आ जाना पूरी तरह से गलत है। अगर किसी को कोई नुकसान होता है, तो जो बाइडेन उसके जिम्मेदार होंगे। निक्की हेली ने कहा कि जो बाइडेन की इस हरकत पर चीन और रूस खुश हैं और मौके का फायदा उठाने में जुटे हैं।

 

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बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में ही तालिबान के साथ बातचीत की थी और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी का रास्ता साफ किया था। हालांकि, जो बाइडेन के प्रशासन ने इसमें काफी तेजी लाई और 31 अगस्त को आखिरी तारीख माना। हालांकि, जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई और उसके तुरंत बाद तालिबान का राज अफगानिस्तान में स्थापित हुआ। उसकी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में निंदा हो रही है और इसे बाइडेन प्रशासन का फेलियर माना जा रहा है।

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