विदेश

तालिबान के चलते खतरे में अफ़ग़ानी औरतों का वजूद 

संयुक्त राष्ट्र ।   संयुक्त राष्ट्र (United Nations) मानवीय संस्था के प्रमुख ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के चलते बिगड़ते हालात पर चिंता जाहिर करते हुए संघर्ष विराम (Cease fire) का आह्वान किया और कहा कि युद्ध ग्रस्त देश में महिलाओं के अस्तित्व और मौलिक मानवाधिकारों (Fundamental Human Rights) को गंभीर खतरा है।

‘मानवीय मामलों तथा आपातकालीन सहायता समन्वयक’ के अवर महासचिव मार्टिन ग्रिफिथ्स ने सोमवार को कहा कि अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात की उन्हें “बेहद चिंता” है जहां पिछले एक महीने में ही हेलमंद, कंधार और हेरात प्रांत में असैन्य नागरिकों पर हुए हमलों में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं।

उन्होंने कहा, “तालिबान के चलते अफगान बच्चे, महिलाएं और पुरुष मुश्किल में हैं और उन्हें हिंसा, असुरक्षा तथा डर के माहौल में हर दिन जीना पड़ रहा है। महिलाओं के अस्तित्व और मौलिक मानवाधिकारों को लिए खतरा है।”

ग्रिफिथ्स ने कहा कि अफगानिस्तान में 40 साल तक युद्ध और विस्थापन का दौर चला तथा अब जलवायु परिवर्तन और कोविड-19 के कारण उपजी परिस्थितियों ने देश की लगभग आधी जनसंख्या को आपातकालीन सहायता के भरोसे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा कि मानवीय सहायता करने वाले संगठन, अफगानिस्तान में रुक कर सभी असैन्य नागरिकों को राहत एवं सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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