अफगानिस्तान पर गहराया संकट: अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर अडिग बाइडेन, मदद से भी इनकार

वाशिंगटन। अमेरिकी सेना (us Army) की वापसी के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का कहर बढ़ता ही जा रहा है। अफगानिस्तान और तालिबान के बीच चल रहे संघर्ष से आम लोगों की जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। तालिबान ने अपने कदम अब काबुल की तरफ बढ़ा दिए हैं। तालिबान के कब्जे वाले शहरों से हजारों अफगान नागरिक भाग रहे हैं। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) ने बड़ा बयान दिया है। बयान में उन्होंने अपने नेताओं से अपील है कि वह सिर्फ अपने देश के ही लड़ें। जो ने कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी का कोई मलाल नहीं है।
व्हाइट हाउस के अनुसार राष्ट्रपति बाइडन ने 11 सितंबर तक अफगानिस्तान के युद्धग्रस्त क्षेत्र से अपने सभी बचे सैनिकों को वापस बुलाने के आदेश दिए हैं। हालांकि अब तक 90 फीसदी से अधिक अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो चुकी है। दरअसल जो बाइडन अफगानिस्तान के बड़े हिस्से पर तालिबान के बढ़ते नियंत्रण के बावजूद अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की स्वदेश वापसी के फैसले पर अडिग हैं और वे इसमें किसी भी तरह से बदलाव के मूड में नहीं हैं।
बाइडन ने अपने इस फैसले पर कहा कि देखिए, हमने 20 वर्षों में एक ट्रिलियन डॉलर (One trillion dollars) से अधिक खर्च किए हैं। हमने 300,000 से अधिक अफगान बलों को प्रशिक्षित और सुसज्जित किया। हमने हजारों अमेरिकी सैनिकों को खो दिए। अफगानिस्तान को अब अपने देश के लिए खुद लड़ना होगा और इसके लिए अफगान नेताओं को साथ आना होगा।
वहीं इससे पहले, व्हाइट हाउस (White House) की प्रेस सचिव जेन साकी (Press Secretary Jen Psaki) ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका उन लोगों को न्याय दिलाने के लिए अफगानिस्तान गया था, जिन्होंने 11 सितंबर को उन पर हमला किया था, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) पर हमला करने के लिए अफगानिस्तान को सुरक्षित पनाहगाह के रूप में इस्तेमाल करने वाले आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके। हमने कुछ साल पहले उन उद्देश्यों को हासिल किया।
बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के हमले से हर दिन स्थिति बिगड़ती जा रही है। देश में तालिबानी लड़ाकों का कब्जा बढ़ता जा रहा है। जानकारी के अनुसार तालिबान ने अब तक अफगानिस्तान के पांच प्रांत की राजधानियों पर अपना कब्जा जमा लिया है जिसके कारण लोगों के बीच दहशत का माहौल है। वहीं भारतीय दूतावास सुरक्षा के मद्देनजर अपने नागरिकों से भारत लौटने की अपील कर रहा है।