अफगान की सेना तालिबान के सामने टेक रही घुटने, 60% से अधिक हिस्सों में किया कब्जा

वाशिंगटन। अमेरिकी सैन्य अधिकारियों (US military officers) की आशंका अब अफगानिस्तान (Afghanistan) में सही साबित हो रही है। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबानी आतंकवादियों (Taliban terrorists) का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक आंकलन के मुताबिक तालिबान ने अफगानिस्तान के लगभग 60% से अधिक हिस्सों में अपना कब्जा जमा लिया है और वहां सेना तालिबानियों के सामने घुटने टेकती नजर आ रही है। लेकिन व्हाइट हाउस (White House), पेंटागन या अमेरिकी जनता के बीच इसे रोकने का जज्बा कम ही नजर आ रहा है।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की पूर्ण वापसी की घोषणा के बाद युद्धग्रस्त देश में ये हालात उत्पन्न हो रहे हैं। बाइडेन ने स्पष्ट कर दिया है कि उनका पिछले साल लिए गए निर्णय को उलटने का कोई इरादा नहीं है, जबकि इसके परिणाम तालिबान के कब्जे की ओर इशारा करते हैं।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति के कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि अब यह अफगान नेतृत्व को तय करना है कि क्या उनके पास लड़ने की राजनीतिक इच्छाशक्ति है या नहीं? अब उन्हें यह निर्धारित करने की आवश्यकता है कि क्या उनके पास तालिबान से मुकाबला करने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति है? और क्या उनके पास तालिबान से लड़ने के लिए नेताओं में एकजुट होने की क्षमता है?
बाइडेन प्रशासन ने भरोसा जताया है कि अफगान की सेना जिसे अमेरिकी सैनिकों ने 20 सालों तक ट्रेनिंग दी है, उसके पास तालिबान को खदेड़ने की क्षमता और इसके लिए जरूरी साजो सामान है। अफगानिस्तान को मदद का भरोसा देते हुए अमेरिकी अधिकारी बोलीं कि हम अफगान सेनाओं के सहयोग से एयरस्ट्राइक (airstrike) करते रहेंगे और जैसा कि राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि इस नाजुक मौके पर अफगानिस्तान के नेताओं को एकजुट होना चाहिए और इस देश का भविष्य उनके कंधों पर है।
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंगाटन के प्रेस सचिव जॉन किरबी (Defense Ministry Press Secretary John Kirby) ने पत्रकारों को कहा कि हम अफगानिस्तान की स्थिति से अवगत हैं अभी हमारी प्राथमिकता अफगानिस्तान की सेना को मदद देने की है। जहां और ऐसा संभव है हम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम अफगानिस्तान सेना की लगातार मदद कर रहे हैं लेकिन हम प्लान और इसके नतीजे की जानकारी नहीं दे सकते हैं।