राजस्थान की सियासत: भापजा में भावी सीएम को लेकर वसुंधरा-पूनिया के बीच छिड़ी जंग

ताजा खबर: जयपुर। राजस्थान की सियासत में संग्राम जारी है। जहां एक ओर कांग्रेस (Congress) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच तनातनी चल रही है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा (BJP) में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया (Vasundhara Raje Scindia) और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) के बीच भावी CM पद के लिए विवाद गहराता जा रहा है। यहां तक की प्रदेश भाजपा कार्यालय (State BJP Office) से राजे की तस्वीर भी गायब हो गई है।
सतीश पूनिया के बयान के बाद भाजपा दो भागों में बंटती नजर आ रही है। सचिन भवानी सिंह राजावत, प्रहलाद गुंजल के बाद अब प्रताप सिंह सिंघवी वसुंधरा राजे के पक्ष में खुलकर बयान दिया है। उनका कहना है कि वसुंधरा राजे के बिना राजस्थान में भाजपा फि सत्तासीन नहीं हो सकती है।
इधर इसके जवाब में BJP के फायर ब्रांड नेता (fire brand leader) और विधायक मदन दिलावर (MLA Madan Dilawar) ने व्यक्ति और नेताओं से बढ़कर पार्टी को महत्व देने का बयान देकर आग में घी का काम किया है। सतीश पूनिया और वसुंधरा राजे के समर्थकों के बीच अब तक की बयानबाजी हाड़ौती अंचल में ही सीमित थी लेकिन अब इन सबके बीच मेवाड़ के कद्दावर नेता गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) भी कूद पड़े हैं।
बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव (Assembly elections) में राजस्थान के इस मिथक को तोड़ दिया था कि जिसने मेवाड़ जीत लिया वहीं राजस्थान पर राज करता है। इस बार मेवाड़ के मात्र सात जिलों की कुल 35 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 12 सीटें मिली जबकि भाजपा को 20 सीटें मिली थीं।