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तीसरी लहर से बचने कयायद: पटना एम्स में तीन बच्चों को लगी कोवैक्सीन की पहली डोज, नहीं दिखा साइट इफेक्ट

ताजा खबर: पटना। देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की तीसरी लहर (Third Wave) से बच्चों को बचाने के लिए कवायद शुरू हो गई है। पटना एम्स (Patna AIIMS) में भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की स्वदेशी वैक्सीन (indigenous vaccine) कोवैक्सीन (covaccine) का बच्चों पर क्लीनिकल ट्रायल (clinical trial) किया गया। ट्रायल के रूप में शुरू में तीन बच्चों (three kids) को कोवैक्सीन का पहला डोज दिया गया लेकिन बच्चों में इसका कोई साइड इफेक्ट (side effect) नहीं दिखा और बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। एम्स को कुल 80 बच्चों पर ट्रायल का लक्ष्य दिया गया है।





पटना एम्स के कोविड (Covid) प्रभारी डॉक्टर संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) ने बुधवार को कहा कि 12 से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों पर यह परीक्षण 1 जून यानी मंगलवार से शुरू हो गया। कोवैक्सीन (covaccine) के बच्चों पर ट्रायल के पहले दिन तीन बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। ये तीनों 12 से 18 साल की आयु के हैं और पटना के ही निवासी हैं। तीनों स्वस्थ हैं। किसी पर कोई दुष्प्रभाव (Side effects) नहीं देखा गया है। अस्पताल ने तीन बच्चों के माता-पिता को एक डायरी दी है और उनसे उनके स्वास्थ्य की निगरानी करने को कहा है। अगर इस दौरान बच्चों को कोई भी दिक्कत होती है तो उन्हें फौरन पटना एम्स से संपर्क करने को कहा गया है।

108 बच्चों ने स्वेच्छा से कराया रजिस्ट्रेशन
एम्स में कोवैक्सीन टीके का बच्चों पर क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। 28 मई से रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ है। स्वेच्छा से 108 बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसमें से 15 बच्चों का क्लिनिकल परीक्षण किया गया तो तीन को ही ट्रायल के लायक पाया गया।

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