KNP में और होगी चीतों की मौत, अफ्रीकी विशेषज्ञ के दावे ने बढ़ाई बड़ी टेंशन
मर्व ने यह भी कहा कि जब चीतों को एक-जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाता है, तो उनकी मौत सामान्य है। खुले इलाके में जाने पर भी उनकी मौत सामान्य है, क्योंकि वो शिकार के लिए एक-दूसरे से लड़ेंगे। उन्होंने कूनो और उसके आसपास तेंदुए-बाघ के होने पर भी चिंता जताई।
श्योपुर। प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीकी देशों से श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 20 चीतों को लाया गया था। 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे, जबकि 12 चीते दक्षिण अफ्रीका से। लेकिन कूनो से चीतों से जुड़ी बुरी खबरें लगातार सामने आ रही है। बीते दो महीनों में 6 चीतों की मौत हो चुकी है। जिनमें तीन शावक भी शामिल हैं। मादा चीता ज्वाला के दो शावकों ने कल गुरुवार को ही दम तोड़ा है। कूनो में लगातार हो रही चीतों की मौतों के बीच दक्षिण अफ्रीका के वन्यजीव विशेषज्ञ विन्सेंट वैन डेर मर्व ने केन्द्र और मप्र सरकार की और चिंता बढ़ा दी है। दरअसल उन्होंने दावा किया है कि आने वाले दिनों में चीतों की मौतों की संख्या में और बढ़ोतरी होगी।
वहीं अब तक हुई 6 चीतों की मौत पर मर्व ने कहा कि ये सामान्य बात है। अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है। बता दें कि मर्व भारत में चीता प्रोजेक्ट की बारीकी से निगरानी कर रहे। एक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि ये आशंका है कि मृत्यु दर पहले वर्ष में 50 प्रतिशत तक हो सकती है। मौत का आंकड़ा इस वजह से भी बढ़ेगा, क्योंकि ये चीते अपना राज स्थापित करने की कोशिश करेंगे। इस दौरान उनका सामना तेंदुए और बाघ से होगा।
बाड़ वाले अभयारण्य में चीतों को बसाना नहीं रहा सफल
मर्व ने यह भी कहा कि जब चीतों को एक-जगह से दूसरी जगह शिफ्ट किया जाता है, तो उनकी मौत सामान्य है। खुले इलाके में जाने पर भी उनकी मौत सामान्य है, क्योंकि वो शिकार के लिए एक-दूसरे से लड़ेंगे। उन्होंने कूनो और उसके आसपास तेंदुए-बाघ के होने पर भी चिंता जताई। बातचीत के दौरान उन्होंने ये माना कि बिना बाड़ वाले अभ्यारण्य में चीतों को फिर से बसाना कभी भी सफल नहीं रहा। अफ्रीका में ये 15 बार किया गया और हर बार वो असफल रहे। उन्होंने साफ किया कि वो चीतों को बाड़े में रखने के पक्ष में नहीं हैं, बल्कि वो चाहते हैं कि दो या तीन बाड़ जरूर लगाए जाएं।
मर्व ने मुकुंदरा हिल्स से चीता लाने दी सलाह
उन्होंने मुकुंदरा हिल्स में कम से कम दो से तीन चीते लाने और उन्हें वहां प्रजनन करने की सलाह दी। उनका मानना है कि मुकुंदरा हिल्स पूरी तरह से घिरी हुई है। ऐसे में चीते वहां पर अच्छा करेंगे। हालांकि वहां पर खाने की कमी हो सकती है। ऐसे में अलग से हिरण और चिंकारा लाने होंगे।
[web_stories title=”true” excerpt=”false” author=”false” date=”false” archive_link=”true” archive_link_label=”https://www.webkhabar.com/” circle_size=”150″ sharp_corners=”false” image_alignment=”left” number_of_columns=”1″ number_of_stories=”5″ order=”DESC” orderby=”post_date” view=”carousel” /]