एक शोध (research) के आधार पर दावा किया जा रहा है कि महामारी की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट (delta variant) जिम्मेदार है जो अल्फा (Alpha) से भी ज्यादा खतरनाक है। आईएनएसएसीओजी की ओर से किए गए एक शोध में इसका दावा किया गया है।
ताजा खबर: नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर (Second Wave) ने बीते दो महीनों को खूब कहर बरपाया है। हर दिन बढ़ते मरीजों के साथ-साथ मौतों के आंकड़ों ने भी खूब डाराया है। इस बीच Second Wave को लेकर विशेषज्ञों (experts) ने बड़ा खुलासा (big reveal) किया है। एक शोध (research) के आधार पर दावा किया जा रहा है कि महामारी की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट (delta variant) जिम्मेदार है जो अल्फा (Alpha) से भी ज्यादा खतरनाक है। आईएनएसएसीओजी की ओर से किए गए एक शोध में इसका दावा किया गया है।
देश में मिले इस वैरिएंट सभी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। देश में अब इसके 12000 से भी अधिक केस सामने आ चुके हैं। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (National Center for Disease Control) ने इसकी जानकारी दी। बता दें कि इस शोध को कठरअउडॠ ने किया है। ये भारत में जीनोम अनुक्रमण करने वाली प्रयोगशालाओं (laboratories) का संघ है। डेल्टा (B1.617.2) अल्फा B.1.1.7) की तुलना मे 50 फीसदी तेजी से फैलता है। इसमें दिलचस्प बात यह है कि वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं। वहीं कोरोना के अल्फा वैरिएंट की बात करें तो टीका लगने के बाद इस वैरिएंट से एक भी व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है।
सभी राज्यों में पहुंचा डेल्टा वैरिएंट
दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंटों को पीछे छोड़ दिया और देश में कोरोना (Corona) का सबसे प्रमुख वैरिएंट मौजूदा समय में डेल्टा ही है। बता दें कि कुल 29000 जीनोम अनुक्रमण (sequencing) में 1000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं। अबतक इस वैरिएंट के 12,200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। इस वैरिएंट की मौजूदगी देश के सभी राज्यों में है। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है।