केन्द्र ने आम आमदी को दिया बड़ा झटका: मई में खुदरा मुद्रास्फीती 6.3% पर पहुंची
ताजा खबर: नई दिल्ली। कोरोना काल (corona period) में जहां लोगों का बजट गड़बड़ हुआ है वहीं सरकार (Government) ने महंगाई के मोर्चे पर एक और झटका दे दिया है। देश में खुदरा मुद्रास्फीति (retail inflation) की दर मई में उछलकर 6.3 फीसदी पर पहुंच गई। सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों (official statistics) में यह जानकारी दी गई। जानकारी के मुताबिक मई में खाने-पीने की चीजों की रिटेल महंगाई अप्रैल के 1.96 फीसदी से बढ़कर 5.01 फीसदी पर आ गई है। वहीं मई में सब्जियों की महंगाई -14.18 फीसदी से बढ़कर -1.92 फीसदी पर आ गई है।
वहीं, कच्चे तेल व विनिर्मित वस्तुओं की थोक कीमतों में बढ़ोतरी के चलते थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर मई में बढ़कर रिकॉर्ड उच्च स्तर 12.94 फीसदी पर पहुंच गई। इस उछाल में तुलनात्मक आधार का भी प्रभाव दिखता है क्यों कि मई 2020 में WPI आधारित मुद्रास्फीति शून्य से 3.37 फीसदी नीचे थी। यह लगातार पांचवां महीना है, जब थोकमूल्य सूककांक (WPI) पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़ी है। अप्रैल 2021 में यह दस फीसदी की सीमा पर कर 10.49 फीसदी हो गई थी।
वाणिज्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, मासिक WPI पर आधारित मुद्रास्फीति की वार्षिक दर मई 2021 (मई, 2020 के मुकाबले) में बढ़कर 12.94 फीसदी हो गई, जो मई 2020 में शून्य से 3.37 फीसदी नीचे थी। बयान के मुताबिक, मई 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से कम आधार प्रभाव और पेट्रोल, डीजल, नेफ्था, फर्नेस आयल आदि पेट्रोलियम उत्पादों और विनिर्मित उत्पादों की कीमतों में पिछले वर्ष के समान महीने की तुलना में वृद्धि के कारण है।
समीक्षाधीन अवधि में ईंधन और बिजली वर्ग में थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 37.61 फीसदी हो गई, जो अप्रैल में 20.94 फीसदी थी। विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति मई में 10.83 फीसदी रही, जो पिछले महीने 9.01 फीसदी थी। खाद्य पदार्थों (foodstuffs) की मुद्रास्फीति मई में मामूली रूप से कम होकर 4.31 फीसदी पर आ गई। हालांकि, इस दौरान प्याज महंगा हुआ। प्याज की कीमतें मई में सालाना आधार पर 23.24 फीसदी ऊंची थी। अप्रैल में इसके थोक भाव एक साल पहले से 19.72 फीसदी कम थे।