एम्स डायरेक्टर बोले- अभी हमारे पास कोई ऐसा प्रमाण नहीं कि तीसरी लहर बच्चों के लिए आएगी

ताजा खबर: नई दिल्ली। दिल्ली एम्स के डायरेक्टर डा. रणदीप गुलेरिया (Dr. Randeep Guleria) ने तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर कहा कि भारत या विश्व का डेटा देखें तो अब तक ऐसा कोई आंकड़ा नहीं दिखाया गया है कि यह कितनी घातक होगी। हमारे पास भी अभी तक कोई कोई सबूत नहीं है कि अगर कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की अगली लहर आती है तो बच्चों के लिए कितनी गंभीर होगी। एम्स निदेशक ने आगे कहा कि वायरस के कारण ये लहरें आती हैं, क्योंकि वायरस (virus) अपना रूप बदलता है। लॉकडाउन (lockdown) से इंफेक्शन (infection) कम होता है। लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद इंफेक्शन बढ़ने की संभावना काफी बढ़ जाती है। फिलहाल कोई तथ्य नहीं है जिसके आधार पर कहा जा सके कि अगली लहर बच्चों (kids) के लिए आएगी।
उन्होंने कहा कि चेन आफ ट्रांसमिशन रोकने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (covid appropriate behavior) अपनाना पड़ेगा। अब चिंता यह है कि तीसरी वेव कब आएगी या आ सकती है, और वो बच्चों में कितनी गंभीर होगी? स्पेनिश फ्लू, H1N1 में भी वेव देखा गया था। ये वेव तब दिखता है जब वायरस चेंज होता है और ह्यूमन बिहेवियर (human behavior) की वजह से होता है।
गुलेरिया ने कहा कि जैसे ही केस कम होते हैं तो अनलॉक होते हैं और फिर लोग लापरवाह हो जाते हैं तो अगली वेव शुरू हो जाती है। जब तक ज्यादातर लोग वैक्सीन न ले लें तब तक हमें ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी। अभी किसी देश में कोई ऐसा डेटा नहीं आया है जिसमें कहा जाय कि बच्चों में ज्यादा खतरा है। ये इंडियन या फिर ग्लोबल डेटा दोनो में भी नहीं देखा गया है। अगली वेव को रोकने के लिए कोविड एप्रोप्रियेट बिहेवियर (covid appropriate behavior) का पालन करना होगा।
कोरोना की दूसरी लहर में नए मामले कम होते जा रहे हैं, लेकिन लोगों की चिंता तीसरी लहर को लेकर अभी से सताने लगी है। एक्सपर्ट्स का कहना था कि तीसरी लहर बच्चों पर कहर बनकर टूट सकती है। इस वजह से बच्चों के परिजन खौफजदा हैं। हालांकि, अब डॉ. वीके पॉल सरीखे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने तीसरी लहर को लेकर एक राहत की खबर दी है। डॉ. वीके पॉल सरीखे स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा कि अभी यह निश्चित