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भोपाल-इंदौर वंदे भारत ट्रेन: पहले ही दिन यात्रियों के लिए तरसी हाईस्पीड ट्रेन, किराया बन रहा बड़ी वजह

वंदे भारत ट्रेन की क्षमता 530 यात्रियों की है, लेकिन पहले दिन सिर्फ 47 यात्रियों ने इस ट्रेन को सफर के लिए चुना। एक्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच में तो सिर्फ छह यात्री ही मिले,जबकि इस क्षेत्र के कोच में 52 सीटें है। रेल विभाग को उम्मीद है कि धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी।

इंदौर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को राजधानी भोपाल पहुंचकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से दो वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इंदौर और जबलपुर के लिए रवाना किया था। बुधवार से यह दोनों ट्रेनें अपने तय समय से चलने लगी हैं। लेकिन भोपाल से इंदौर को जाने वाली वंदे भारत ट्रेन पहले ही दिन यात्रियों के लिए गई है। मिली जानकारी के मुताबिक एक्जीक्यूटिव श्रेणी में सिर्फ छह यात्रियों ने सफर किया है। इसकी बड़ी वजह ट्रेन का तय किराया और इंटरसिटी ट्रेन को माना जा रहा है। बता दें कि वंदे भारत ट्रेन के निकलने के 5 मिनट बाद इंटरसिटी ट्रेन इंदौर के लिए जाती है, जिसका किराया मात्र 100 रुपए है, जबकि वंदे भारत ट्रेन का किराया 810 रुपए तय किया गया है। यही वजह हो सकती है कि हाईस्पीड ट्रेन को यात्री नहीं मिल रहे हैं।

वंदे भारत ट्रेन की क्षमता 530 यात्रियों की है, लेकिन पहले दिन सिर्फ 47 यात्रियों ने इस ट्रेन को सफर के लिए चुना। एक्जीक्यूटिव श्रेणी के कोच में तो सिर्फ छह यात्री ही मिले,जबकि इस क्षेत्र के कोच में 52 सीटें है। रेल विभाग को उम्मीद है कि धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। किराए को लेकर मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुमित ठाकुर कहते है कि ट्रेन में कई आधुनिक सुविधाएं है। उसके हिसाब से किराया तय किया गया है। ट्रेन में ब्रेकफास्ट और डीनर भी मिलेगा। वह भी किराए में शामिल है। वहीं रेलवे जुड़े जानकारों का मानना है कि ज्याद किराया और कम स्टापेज के कारण इस ट्रेन में यात्रियों को हमेशा टोटा रहेगा।

स्टॉपेज बढ़ाने के साथ कम करना होगा किराया
बता दें क इंदौर से भोपाल के लिए जाने वाली इंंटरसिटी एक्सप्रेस सुबह 6.35 पर निकलती है। उसका किराया 100 रुपये है और वह उज्जैन के अलावा मक्सी, शुजालपुर, सिहोर व अन्य स्टेशनों पर भी स्टॉपेज लेती है,जबकि वंदे भारत ट्रेन सिर्फ उज्जैन में रुकेगी। कई यात्री सिहोर में भी रुकते है। यदि वंदे भारत ट्रेन के स्टापेज बढ़ा दिए जाते तो सफर के लिए इस ट्रेन को ज्यादा यात्री मिल सकते है। इसके अलावा किराया भी कम करना होगा। इसके अलावा वंदे भारत ट्रेन के लिए सबसे बड़ी परेशानी खड़ी कर रही हैं भोपाल-इंदौर के बीच हर दिन चलने वाली 100 से अधिक बसें।

भोपाल-इंदौर के बीच चलने वाली बसें भी बढ़ा रहीं ट्रेन की मुसीबत
इंदौर की बस लॉबी भी मजबूत है। दोनो शहरोंं के बीच 100 से ज्यादा बसें प्रतिदिन चलती है। एआईसीटीएसएस की बसें साढ़े तीन घंटे में भोपाल पहुंचा देती है। उसका किराया भी 435 रुपये है। लालघाटी से पिकअप वाहन से यात्रियों को आईएसबीटी तक पहुंचाया जाता है। जबकि वंदे भारत ट्रेन भोपाल स्टेशन तक पहुंचाएगी। वहां से शहर के अन्य हिस्सों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को टैक्सी किराया भी चुकाना होगा। खास बात यह भी है कि इंदौर से भोपाल के लिए हर पांच-दस मिनिट के अंतरााल में बसें उपलब्ध है।

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