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उत्तराखंड में बड़ी तबाही: लोगों के पास न रहने के लिए घर और न खाने के लिए बचा सामान, अब तक 47 लोगों की जा चुकी है जान

नई दिल्ली। उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश (Havy Rain), भूस्खलन (landslide) के बाद आई बाढ़ ने कहर ढा दिया है। चारों तरफ तबाही ही तबाही (devastation is devastation) देखने को मिल रही है। आलम यह है कि न तो लोगों के पास रहने के लिए घर बचा है और न ही खाने के लिए सामान। वहीं राज्य में इस भारी तबाही के कारण अब तक 47 लोगों की जान भी जा चुकी है, जबकि कई लोग अब भी लापता हैं। मृतकों में सबसे ज्यादा यूपी के 14 मजदूर शामिल हैं। राज्य में सबसे ज्यादा तबाही नैनीताल (Nainital) जिले में हुई है। रामगढ़ ब्लॉक के झुतिया, सुनका ग्रामसभा में 9 मजदूर घर में ही जिंदा दफन हो गए।

उत्तराखंड में आसमान से आफत ऐसे बरसी की हर तरफ दहशत का माहौल है। भूस्खलन और बादल फटने की वजह से जो सैलाब आया, उसमें फंसे लोगों को निकालने की कोशिश जारी है। जानकारी के मुताबिक, कुमाऊं में पानी का स्तर कम हो रहा है लेकिन रास्ते खुलने में अभी वक्त लगेगा। बारिश-बाढ़ के कारण कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। बड़ी संख्या में लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ पुलिस की टीमें भी लोगों के रेस्क्यू में जुटी हैं।

गढ़वाल की तुलना में कुमाऊं में अधिक तबाही
पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं के गठजोड़ का असर गढ़वाल क्षेत्र की तुलना में कुमाऊं क्षेत्र में अधिक देखने को मिला। परिणामस्वरूप कुमाऊं क्षेत्र के जिलों में मूसलाधार बारिश में बहुत अधिक तबाही मचाई है। पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) और दक्षिणी पूर्वी हवाओं की सक्रियता बहुत अधिक होने की वजह से नैनीताल, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चंपावत जैसे तमाम जिलों में भारी तबाही हुई।

मृतक आश्रितों को चार लाख मुआवजा : सीएम
सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने आपदा की वजह से जान गंवाने वालों के आश्रितों को चार-चार लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। दून में धामी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सभी डीएम से अपडेट लेते हुए अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य के लिए केंद्र सरकार की ओर से तीन हेलीकॉप्टर दिए हैं।





राज्य में राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए भारतीय वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर को लगाया गया। इनमें से दो को नैनीताल जिले में तैनात किया गया है, जो बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिन स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, वहां सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है।

रामनगर में आर्मी के हेलीकॉप्टर की मदद से दो दर्जन से ज्यादा गांव वालों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा चुका है. पंतनगर में तीन जगहों पर फंसे 25 लोगों को रेस्कयू करने के लिये वायु सेना को ध्रुव हेलीकॉप्टर की मदद लेनी पड़ी। कई भूस्खलनों के कारण नैनीताल तक जाने वाली सड़कों पर मलबा आने की वजह से पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है।

हालात की समीक्षा के लिए अमित शाह का उत्तराखंड दौरा
गृहमंत्री अमित (Amit Shah) शाह आज शाम को बाढ़-बारिश से बिगड़े हालात की समीक्षा के लिए उत्तराखंड जाएंगे। वहीं, कल यानी गुरुवार को बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे करेंगे।

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