ग्वालियर-चंबल भारी बारिश से मची तबाही, श्योपुर के 5 गांव टापू में हुए तब्दील

मध्य प्रदेश: भोपाल । मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) में भारी बारिश (havy Rain) का दौर भले ही थम गया हो लेकिन इससे मची तबाही से पूरा जन-जीवन अस्तव्यस्त हो गया है। श्योपुर (Shyopur) में बारिश से उफान परआईं नदियों ने ऐसी तबाही मचाई है कि जिले के 5 गांव टापू (5 village islands) में तब्दील हो गए हैं और यहां पर अभी भी हजारों लोग बाढ़ से बाहर निकलने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। बाढ़ में घिरे लोगों को बचाने के लिए आपदा प्रबंधन की टीम (disaster management team) और सेना (Army जुटी हुई है। जिले में बाढ़ से अब तक तीन लोगों के मौत की खबर सामने आ रही है। बता दें कि निचली बस्तियों में अभी बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं जिसके कारण लोग अपने घरों को नहीं लौट पा रहे हैं।
खबर के मुताबिक तबाही मचाने के लिए नदियों का जल स्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है लेकिन राजस्थान के कोटा बैराज (Kota Barrage of Rajasthan) पानी छोड़े जाने के कारण नदियों का उफान कम होने की बजाय और बढ़ता ही चला जा रहा है। जिसके कारण नदियों के किनारे बसे गांवों की हालात और चिंता जनक होती जा रही है। जबकि, श्योपुर और ढोढर थाना इलाके के सुंडी, सांड और वीरपुर इलाके के दिमर्छा, लीलोनी और मल्लाह का पुरा सहित पांच गांव टापू बने हुए हैं। इन गांव में फंसे हुए हजारों लोगों को निकाला जाना बेहद जरूरी है, संभावना भी यही जताई जा रही है कि, जल्द ही इन लोगों को रेस्क्यू कर लिया जाएगा।
प्रशासन नहीं पहुंचा पा रहा मदद
बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण इलाकों के लोगों का कहना है कि, बाढ़ की वजह से उनके घर मकान डूबे हुए हैं। ग्रामीण देवेन्द्र का कहना है कि घर का राशन और अन्य सामान पूरी तरह से बह गया है। प्रशासन उन तक कोई मदद नहीं पहुंचा रहा है। बाढ़ के हालात को लेकर कलेक्टर राकेश कुमार श्रीवास्तव (Collector Rakesh Kumar Srivastava) का कहना है कि अचानक तेज वर्षा होने की वजह से हालात बिगड़े हैं। प्रशासन की टीम में सभी तरह के इंतजाम करने में जुटी हुई है। लोगों को परेशान नहीं होने दिया जाएगा पानी निकासी की व्यवस्था भी की जा रही है। आर्मी की टीमें भी राहत के कामों में जुटी हैं। तीन लोगों की हताहत होने की खबर है।