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झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड: जिंदगी-मौत के बीच संघर्ष कर रहे 16 मासूम, सीएम योगी ने की मुआवजे की घोषणा, 12 घंटे में मांगी रिपोर्ट

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झांसी। उत्तरप्रदेश के झांसी में दिल दहला देने वाला हादसा हो गया है। यहां के मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात भीषण आग लग गई है। इस दर्दनाक हादसे में जहां दस नवजात मासूमों की मौत हो गई है। वहीं 16 घायल हुए हैं। जो जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में आग देर रात करीब 11 बजे लगी थी। बताया जा रहा है कि जिस वार्ड में आग लगी थी वहां 50 से अधिक नवजात भर्ती थे। आग कैसे लगी अब तक इसका पता नहीं चल सका है। आशंका व्यक्त की जा रही है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है।

नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू) में लगी आग इतनी भीषण थी कि लपटें काफी दूर तक दिखाई दी हैं। वहीं परिजन आग की लपटों को देखकर चीखते वार्ड को ओर दौड़ पड़े। कई परिजन लपटों की परवाह किए बगैर अंदर जा घुसे। हादसे की सूचना मिलते ही करीब 15 दमकलें मौके पर पहुंची। फायरकर्मियों ने उनको बाहर किया। अफरातफरी के बीच दमकलकर्मी वार्ड के भीतर पहुंच सके। उसके बाद वार्ड से भर्ती नवजात बाहर निकाले जाने लगे। नवजातों को बाहर निकालते ही कई परिजन बदहवास हाल में उनको उठाकर अपने साथ ले गए। घायल बच्चों को सर्वोत्तम चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है, वे जल्द ठीक हो जाएंगे। आज सुबह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंच गये हैं।

मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जाएगी सहायता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना पर गहरा दु:ख जताया है। शुक्रवार देर रात घटना की सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री ने रातों-रात उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा। मुख्यमंत्री के निर्देश पर घटना में असमय काल कवलित नवजात बच्चों के माता-पिता को 05-05 लाख रुपये तथा घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता मुख्यमंत्री राहत कोष से उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

लाशों के ढेर से नवजात तलाशते रहे परिजन
कई घरों में मन्नतों के बाद कुछ दिन पहले ही किलकारियां गूजीं थीं लेकिन, अब कलेजे पर पत्थर रखकर बाहर की ओर रखे शवों के बीच में से अपने नवजात तलाशने पड़ रहे थे। दमकलकर्मी अपने साथ जैसे ही नवजातों को बाहर लेकर आ रहे थे, परिजन उनको घेर लेते थे। बचाव कार्य के दौरान एक के बाद एक 10 लाशें बाहर निकली गई। इन लाशों में परिजन अपने नवजात को खोजते रहे। एक साथ इतने नवजातों की लाश जिसने भी देखी उसकी ही आंखें नम हो उठीं। पुलिस एवं प्रशासनकर्मी देर रात तक उनकी शिनाख्त करने की कोशिश में जुटे रहे। करीब 11.20 बजे तक राहत कार्य पूरे हो गए। सभी शव को पुलिस ने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया है।

50 से ज्यादा बच्चे थे भर्ती
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) झांसी सुधा सिंह ने कहा कि इस घटना में घायल हुए अन्य 16 बच्चों का इलाज चल रहा है। घटना के वक्त एनआईसीयू में 50 से ज्यादा बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि एक फायर ब्रिगेड को घटनास्थल पर भेजा गया जबकि जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। निकटवर्ती महोबा जिले के रहने वाले एक दंपती को अपने नवजात बच्चे की मृत्यु से सदमा लगा है। मां ने पत्रकारों को बताया कि बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह 8 बजे हुआ था। गमगीन मां ने कहा मेरा बच्चा आग में जान गंवा चुका है। मेडिकल कॉलेज के कथित दृश्यों में घबराए हुए मरीजों और उनके तीमारदारों को बाहर निकलते हुए दिखाया गया है जबकि कई पुलिसकर्मियों ने बचाव और राहत उपायों में सहायता की।

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