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ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देगा ताइवान: अमेरिका से जल्द भेजने को कहा एफ-16 फाइटर जेट

ताइपे। चीन (China) और ताइवान (Taiwan) के बीच तनातनी लगातार बढ़ती जा रही है। इस बीच ड्रैगन (Dragon) ताइवान की सीमाओं पर अपने लड़ाकू विमानों (fighter planes) को पहुंचा दिया है। इस बीच ताइवान ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की योजना में जुट गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन से निपटने के लिए ताइवान ने अमेरिका (America) से एफ-16 फाइटर जेट (F-16 Fighter Jet) की डिलीवरी में तेजी लाने का आग्रह किया है। बता दें कि इससे पहले ताइवान ने चीन को मुंहतोड़ जवाब देता रहा है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बाइडन प्रशासन से ताइवान के अधिकारियों ने अमेरिकी निर्मित एफ-16 की डिलीवरी में तेजी लाने को कहा है। बता दें कि 22 फाइटर जेट्स की बिक्री को 2019 में मंजूरी दी गई थी, आमतौर पर ऐसी डिलीवरी में 10 साल का वक्त लगता है, लेकिन ताइवान को उम्मीद है आग्रह करने से डिलीवरी के समय में तेजी आएगी।

ताइपे टाइम्स (Taipei Times) ने सीएनएन की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) के प्रशासन ने ताइवान के अधिकारियों के साथ ताइवान को अमेरिकी निर्मित एफ-16 की डिलीवरी में तेजी लाने की संभावना पर चर्चा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 22 फाइटर जेट्स की बिक्री को 2019 में मंजूरी दी गई थी, मगर चीनी उकसावे और खतरे के मद्देनजर ताइवान को वास्तविक डिलीवरी के समय में तेजी लाने की उम्मीद है।





रिपोर्ट में कहा गया है कि यह डेवलपमेंट ऐसे वक्त में आया है, जब पेंटागन इंडो-पैसिफिक कमांड (Pentagon Indo-Pacific Command) ने बढ़ती चिंता को देखा रहा है, क्योंकि चीन ने अपनी सेना का तेजी से आधुनिकीकरण किया है और ताइवान को ध्यान में रखते हुए अपने प्रशिक्षण में सुधार किया है। बता दें कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के 150 सैन्य विमानों ने एक से पांच अक्टूबर के बीच ताइवान के वायु क्षेत्र में घुसपैठ की थी।

ताइवान ने कहा- अपनी आजादी और लोकतंत्र के लिए लड़ते रहेंगे
चीन की ओर से ताइवान की सीमा में लड़ाकू विमान भेजे जाने के बाद वहां की राष्ट्रपति ने शी जिनपिंग से आग्रह किया था वे इस तरह की कार्रवाई पर रोक लगाएं। इसके बाद भी चीन की कार्रवाई न रुकने पर ताइवान ने भी साफ कर दिया है कि अपनी आजादी और लोकतंत्र की रक्षा के लिए वे पीछे नहीं हटेंगे। उधर, चीन ताइवान को अपना हिस्सा बताता है। उसने यहां तक कह दिया है कि अगर हथियारों के दम पर ताइवान पर कब्जा करना पड़ा, वह उसके लिए भी तैयार है।

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