बागेश्वर धाम को मिला विजयवर्गीय का साथ, दिया जावरा की टेकरी का उदाहरण
लोग जावरा की टेकरी में भी जाते हैं, जहां लोग नाचते-कूदते हैं। यहीं नहीं, उसके बाद ठीक भी हो जाते हैं। उसके बारे में तो कोई प्रश्न चिन्ह उठाता नहीं है, और धीरेंद्र जी के बारे में प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं। मैं समझता हूं कि यहां सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था नहीं है, जिसके कारण इस तरह के प्रश्न उठा रहे हैं।
बुरहानपुर। नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति द्वारा मिली चुनौती के बाद बागेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री बीते कुछ दिनों विवादों में हैं। इतना ही नहीं, इस मामले को लेकर अब मप्र में सियासत भी शुरू हो गई है। बागेश्वर की शक्तियों पर सवाल उठाते हुए नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा था कि मैं ढोंग और पाखंड पर विश्वास नहीं करता। अगर उनकी शक्तियों में जरा भी सच्चाई है तो नागपुर में मिले चैलेंज को स्वीकार कर उसे सिद्ध करें। अब इस मामले में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय का भी बयान सामने आया है। उन्होंने उनका समर्थन किया है।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि, उनका मैंने इंटरव्यू देखा, उन्होंने कहा कि, मैं कोई जादू चमत्कार नहीं करता हूं। मुझे अपने इष्ट पर विश्वास है, और मैं इष्ट का नाम लेता हूं, जिससे लोगों की समस्याओं का निराकरण होता है। ऐसा कोई धीरेंद्र महाराज तो कर नहीं रहे हैं। इसी तरह तो लोग जावरा की टेकरी में भी जाते हैं, जहां लोग नाचते-कूदते हैं। यहीं नहीं, उसके बाद ठीक भी हो जाते हैं। उसके बारे में तो कोई प्रश्न चिन्ह उठाता नहीं है, और धीरेंद्र जी के बारे में प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं। मैं समझता हूं कि यहां सनातन धर्म के प्रति लोगों की आस्था नहीं है, जिसके कारण इस तरह के प्रश्न उठा रहे हैं। विजयवर्गीय ने बागेश्वर धाम के समर्थन में यह बयान बुरहानपुर में दिया है।
नारायण त्रिपाठी ने भी बागेश्वर का किया समर्थन
विजय वर्गीय के बयान से पहले मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी बागेश्वर धाम का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि इस समय जल्दी नाम कमाने के चक्कर में हिन्दू आस्था और भगवान राम, कृष्ण और संत-मुनियों के खिलाफ लोग टिप्पणी करने लगे हैं। इस बात से दिल दुखता है कि कोई कैसे धर्मगुरूओं का अपमान कर रहा है क्या किसी और धर्म में किसी धर्म और धर्मगुरूओं का अपमान संभव है।
कुछ ऐसा है पूरा मामला
बता दें कि बीते दिनों लोगों की समस्याएं दूर करने और लोगों के मन की बात जान लेने का दावा करने वाले बागेश्वर धाम सरकार यानी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नागपुर की एक समिति ने चैलेंज दिया था, जिसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने नागपुर की समिति का चैलेंज स्वीकार करते हुए समिति के सदस्यों को दरबार आने का आमंत्रण दिया था। साथ ही उन्होंने दरबार में आने जाने का खर्च और साथ ही साथ समिति सदस्यों को सुरक्षा देने का वादा भी किया था। वहीं इस पूरे घटनाक्रम के बाद अब सियासत शुरु हो गई है।