SC के फैसले पर बोले शिवराज: हम कोशिश करेंगे OBC आरक्षण के साथ हों पंचायत चुनाव, दायर करेंगे रिव्यू पिटीशन

भोपाल। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया गया है। शीर्ष अदालत ने सरकार द्वारा पेश किए आंकड़ों को आधा-आधूरा मानते हुए साफ कर दिया है कि मप्र में पंचायत चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के होंगे। अब इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अब राज्य सरकार पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगी।
दरअसल शिवराज सिंह चौहान पार्टी की बैठक में शामिल होने भाजपा कार्यालय पहुंचे थे, तभी मीडिया ने उनसे इस मामले में सवाल किया। जिसके बाद उन्होंने कहा कि अभी उच्चतम न्यायालय का फैसला आया है। हालाकि उसका विस्तृत अध्ययन नहीं किया है। लेकिन ओबीसी आरक्षण के साथ ही पंचायत के चुनाव हों, इसके लिए ‘रिव्यू पिटीशन’ हम दायर करेंगे। और पुन: आग्रह करेंगे कि स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ हों।
उच्चतम न्यायालय ने आज इस मामले में आदेश देते हुए कहा कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के बगैर ही कराएं जाएं। इस मामले को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के नेताओं के बीच लगातार बयानबाजी चल रही है। अदालत के फैसले के बाद यह बयानबाजी और तेज हो गयी है।
शीर्ष अदालत ने सरकार की रिपोर्ट को माना आधा-अधूरा
सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को अधूरा माना है। इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36% आरक्षण के साथ ही होंगे। इसमें 20% एसटी और 16% एससी का आरक्षण रहेगा। जबकि, शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव 27% ओबीसी आरक्षण के साथ कराने की बात कही थी। अब अदालत ने साफ कहा है कि अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण नहीं मिलेगा। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि 5 साल में चुनाव कराना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। ट्रिपल टेस्ट पूरा करने के लिए अब और इंतजार नहीं किया जा सकता।