नगरीय निकाय चुनाव भाजपा-कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बने हुए हैं। दोनों ही दल पूरी ताकत से चुनाव में डटे हैं। राजनीतिक चालें तो चल ही रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा आस भगवान महाकाल से है।
उज्जैन। नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) के मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, वैसे-वैसे भाजपा-कांग्रेस (BJP-Congress) के नेताओं का भगवान की शरण में पहुंचने का सिलसिला तेज होता जा रहा है। इसमें सबसे पहले नाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) का आता है। उन्होंने कुछ दिन पहले उज्जैन (Ujjain) जाकर भगवान महाकाल (bhagavan mahaakaal) के दर्शन किए थे। वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamalnath) भी मंगलवार को उज्जैन पहुंचे। जहां उन्होंने महाकालेश्वर मंदिर जाकर भगवान महाकाल का पूजन किया। इसके साथ ही उन्होंने नगरीय निकाय चुनाव में खड़े पार्टी के प्रत्याशियों की जीत के लिए प्रार्थना की।
इस दौरान उनके साथ उज्जैन से महापौर पद के प्रत्याशी महेश परमार (Mahesh Parmar), घट्टिया के विधायक रामलाल मालवीय, पार्षद प्रत्याशी माया राजेश त्रिवेदी साथ थीं। दरअसल नगरीय निकाय चुनाव भाजपा-कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का विषय बने हुए हैं। दोनों ही दल पूरी ताकत से चुनाव में डटे हैं। राजनीतिक चालें तो चल ही रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा आस भगवान महाकाल से है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महाकाल के दर्शन-पूजन कर भाजपा के महापौर प्रत्याशी मुकेश टटवाल के चुनावी प्रचार की शुरूआत की थी।
वहीं अब मंगलवार को पूर्व सीएम कमलनाथ उज्जैन पहुंचे और महाकाल के दर्शन किए। महाकाल दर्शन के बाद शहर के गणमान्य जनों से चर्चा करेंगे। इसके बाद कांग्रेस के महापौर प्रत्याशी महेश परमार और शहर के 54 वार्डो के पार्षद पद के कांग्रेस प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित आम सभा को संबोधित करेंगे। आम सभा के बाद नाथ प्रेस से चर्चा करेगें। दोपहर को वे भोपाल रवाना होंगे। इधर मंगलवार सुबह जब कमलनाथ उज्जैन पहुंचे तो कार्यकर्ताओं में उत्साह नजर आया।