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चालबाजी से बाज नहीं आ रहा ड्रैगन: ताइवान के ऊपर उड़ाए 100 से अधिक सैन्य विमान, भड़क गया अमेरिका

नई दिल्ली। चीन (china) अपनी खुराफाती चालबाजियों (sly gimmicks) से बाज नहीं आ रहा है। ताइवान (Taiwan) के दक्षिण रक्षा क्षेत्र (south defense zone) के ऊपर से शनिवार से लेकर अब तक 100 से अधिक सैन्य विमान (over 100 military aircraft) उड़ाए हैं। इस घटना के बाद ताइवान ने चीन को चेतावनी देते हुए अपने विमान भी भेजे हैं। इस बीच चीन द्वारा की जा रही इस तरह की कार्रवाई पर अमेरिका (America) ने चिंता जताई है। साथ ही स्वशासित दीप के पास इसे भड़काने वाली सैन्य गतिविधि करार दिया है। बता दें कि चीन ताइवान पर अपना दावा कर रहा है।

चीन ने शुक्रवार को 38 और शनिवार को 39 और रविवार को करीब 25 लड़ाकू विमानों को ताइवान की ओर भेजा था जो पिछले साल सितंबर से चीन के लड़ाकू विमानों के उड़ान की जानकारी साझा करने की शुरूआत के बाद से सबसे बड़ा शक्ति प्रदर्शन था। चीन के विमान शनिवार की रात के बाद रविवार को दिन में भी ताइवान की ओर आए और अब तक स्पष्ट नहीं हैं कि चीन की रात को और लड़ाकू विमान (fighter plane) भेजने की भी योजना है या नहीं।





अमेरिका ने अपने बयान में कहा , ‘हम बीजिंग से अपील करते हैं कि वह ताइवान पर सैन्य, कूटनीतिक और आर्थिक दबाव और दंडात्मक कार्रवाई रोके।’ बता दें कि चीन की ऐसी घटिया हरकतों की शिकायत ताइवान पिछले एक साल से करता आ रहा है। लेकिन हमेशा चालाकियों पर चलने वाला चीन बाज नहीं आ रहा है। चीन ने अभी तक अपनी गतिविधियों पर टिप्पणी नहीं की है, और यह स्पष्ट नहीं है कि बीजिंग ने मिशनों को माउंट करने का निर्णय लेने का क्या कारण हो सकता है।

बता दें कि गृह युद्ध के बाद 1949 में ताइवान और चीन अलग हो गए थे, कम्युनिस्ट समर्थकों (Communist supporters) ने चीन पर कब्जा कर लिया था और उसके प्रतिद्वंद्वी नेशनलिस्ट समर्थकों (Nationalist supporters) ने ताइवान में सरकार बनाई थी। ताइवान चीन के पूर्वी तट से 160 किलोमीटर दूर है और उसकी आबादी 2.40 करोड़ है। इससे पहले अपने बयानों में चीन कह चुका है इस तरह की उड़ानें देश की संप्रभुता (sovereignty of the country) की रक्षा करने के लिए थीं और इसका उद्देश्य ताइवान और अमेरिका के बीच मिलीभगत के खिलाफ है।

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