चीतों को कूनो तक शीघ्र पहुंचाने ऐसे फुर्ती दिखाई थी सीमा शुल्क विभाग, जानें क्या थी वजह

इंदौर। दक्ष्णि अफ्रीका के नामीबिया से आठ चीतों को लाने वाले विशेष विमान के भारत में उतरने के स्थान पर बदलाव के बाद सीमा शुल्क विभाग ने मंजूरियां देने में फुर्ती दिखाई। इस तरह की जल्दबाजी इसलिए दिखाई गई थी की ऐतिहासिक अभियान के तहत महाद्वीप लांघ कर भारत आए इन चीतों को उनके नए ठिकाने कुनो नेशनल पार्क जल्द से जल्द सही-सलामत पहुंचाया जा सके। इस बात की जानकारी मुहिम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को दी।
अधिकारी ने बताया कि पहले सरकार की योजना इन चीतों को लाने वाले विशेष विमान को 17 सितंबर को राजस्थान के जयपुर में उतारने की थी, लेकिन बाद में इसमें बदलाव करते हुए हवाई जहाज ग्वालियर में उतारा गया। उन्होंने बताया कि इस विमान के भारत में उतरने के स्थान में बदलाव के बारे में उन्हें 15 सितंबर को पता चला।
तुरंत मिली थीं तमाम तरह की मंजूरिया
अधिकारी के मुताबिक, विमान को जयपुर के बजाय ग्वालियर में उतारने के लिए सीमा शुल्क विभाग ने वन विभाग और अन्य सरकारी महकमों से तुरंत तालमेल बैठाते हुए तमाम मंजूरियां दी, ताकि अफ्रीकी चीतों को जल्द से जल्द केएनपी पहुंचाया जा सके। उन्होंने बताया कि हमें मालूम पड़ा था कि चीतों को नामीबिया से भारत तक खाली पेट लाया जा रहा है।
ग्वालियर में तैनात थी 15 सदस्यीय टीम
ऐसे में उन्हें नयी आबो-हवा का आदी बनाने के लिए जल्द से जल्द केएनपी पहुंचाए जाने की जरूरत है। इसलिए हमने अपने काम को जल्द से जल्द अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि चीतों का कूनो नेशनल पार्क तक का सफर आसान करने के लिए सीमा शुल्क विभाग के अफसरों की 15 सदस्यीय टीम ग्वालियर में तैनात थी।
पीएम ने चीतों को छोड़ा था बाड़े में
गौरतलब है कि ग्वालियर में औपचारिकताएं पूरी करने के बाद चीतों को भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टरों के जरिये केएनपी के निकट पालपुर गांव भेजा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोई 8,000 किलोमीटर दूर इनके मूल स्थान नामीबिया से भारत लाए गए इन चीतों को उनके जन्मदिन के मौके पर 17 सितंबर को केएनपी के बाड़ों में छोड़ा था।